जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कुल्लू द्वारा हर्षोल्लास से मनाया गया संविधान दिवस कार्यक्रम

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सुरभि न्यूज़ कुल्लू। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कुल्लू के सौजन्य से संविधान दिवस के उपलक्ष्य में आज जिला बार कक्ष में  जिला स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कुल्लू पुरेन्द्र वैद्य ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की। इस अवसर पर अतिरिक्त मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कुल्लू के सचिव अमरदीप सिंह, जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष रॉय नवनीत सूद, उपाध्यक्ष नीरज ठाकुर, महासचिव भूपेन्द्र कोटिया, कैशियर सूरज ठाकुर, वरिष्ठ अधिवक्ता छबिन्द्र सिंह ठाकुर, शमशेर ठाकुर, रोशन लाल ठाकुर, सूमित ठाकुर, राज कुमार चौहान सहित अन्य अधिवक्तागण उपस्थित रहे। जिला एवं सत्र न्यायाधीश पुरेन्द्र वैद्य ने कहा कि भारतीय संविधान एक गीता है। इसके मूलभूत ढांचे को नष्ट करना तो दूर की बात इसे संकुचित भी नहीं किया जा सकता। उन्होंने संविधान बनाने की आवश्यकता, प्रस्तावना सहित अन्य बिंदुओ पर विस्तार से जानकारी प्रदान की। उन्होंने कहा कि संविधान सभा ने समाज में हर क्षेत्र की आवश्यकता, परिस्थितियों पर विस्तार से चर्चा करने के बाद भारतीय संविधान को 2 साल 11 महीने तथा 18 दिन में तैयार किया। उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान सभा द्वारा आज ही के दिन संविधान को वर्ष 1949 में बनाया गया तथा स्वयं लोगों ने इसे अपने ऊपर लागू किया। प्रतिनिधियों ने लोगों के विचारों, परिस्थितियों व जरूरतों के अनुसार संविधान ड्राफिटंग कमेटी के सम्मुख रखा तथा विस्तार से चर्चा की। उन्होंने संविधान में नागरिकों के लिए प्रदान किए गए मौलिक अधिकारों तथा मौलिक कर्तव्यों की भी व्सितार से जानकारी दी।   उन्होंने कहा कि अधिकार और कर्तव्य एक ही सिक्के के दो पहले हैं, एक दूसरे के पूरक हैं अतएव हमें दूसरों के साथ वैसा ही व्यवहार करना चाहिए जैेसा हम स्वयं के लिए पसंद करते हैं। सबसे बड़ा कर्तव्य अपने साथी के अधिकारों के प्रति जागरूक व संवेदनशल होना चाहिए इससे कभी भी किसी के अधिकार का हनन नहीं होगा। संविधान का मूल उददेश्य समाज में सौहार्दपूर्ण वातावरण बनाकर एक नियंत्रित व सभ्य समाज की स्थापना करना है। उन्होंने लोकतंत्र में विधानपालिका, कार्यपालिका तथा न्यायपालिका की भूमिका की भी विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि प्रत्येक देश की असली सम्पदा उस देश के नागरिक होते हैं। चरित्रवान नागरिक बनकर ही देश को हर क्षेत्र में बुलंदियों तक पहुंचाया जा सकता है।

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