कुल्लू का हस्तशिल्प व हथकरघा की देश में विशिष्ट पहचान-गहलोत

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सुरभि न्यूज़ कुल्लू।  जम्मू सरकार केन्द्रीय सिल्क बोर्ड के सिल्क तकनीकी सेवा केन्द्र के वैज्ञानिक एन.एस. गहलोत ने कहा कि हस्तशिल्प तथा हथकरघा उद्यम से जुड़े लोगों का समाज मेें बड़ा योगदान है। इस क्षेत्र में जहां कारीगर अपने परिवार की आजीविका कमाता है, वहीं क्षेत्र विशेष की संस्कृति का बखान अपनी कारीगरी से उत्पादों के माध्यम से करता है। वह कुल्लू बोद्ध शॉल इण्डस्ट्री में बुनकरों के लिये आयोजित एक कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे थे। कार्यक्रम में 56 हस्तशिल्प व हथकरघा कारीगरों ने भाग लिया। उन्होंने कहा कि हथकरघा बुनकरों के लिये भारत सरकारी की हेल्पलाईन ‘बुनकर मित्र’ आरंभ की गई है। यह हेल्पलाइन प्रौद्योगिकी, युवा और परंपरा का मिश्रमण है। इसके माध्यम से देशभर के बुनकर जानकारी और मार्गदर्शन प्राप्त कर सकते हैं। हेल्पलाइन से टोल फ्री नम्बर 1800-208-9988 पर संपर्क किया जा सकता है। हेल्पलाइन बुनकरों को अनेक प्रकार की जानकारी उपलब्ध करवाने के लिये एक प्लेटफार्म उपलब्ध करवाती है जैसे कच्चे माल की आपूर्ति बारे, क्रेडिट सुविधा प्राप्त करना, गुणवत्ता नियंत्रण, विपणन संपर्कों तक पहुंच तथा सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ उठाना शामिल है। एन.एस. गहलोत ने बुनकरों से आग्रह किया कि वे समय के साथ तथा बाजार की मांग के अनुरूप आधुनिक डिजाईन के उत्पादों का गुणवत्तायुक्त निर्माण करें। कच्ची सामग्री अच्छी गुणवत्ता की होनी चाहिए। गुणवत्ता को लेकर किसी  प्रकार का समझौता नहीं किया जाना चाहिए तभी बाजार में विश्वसनीयता कायम रह सकती है और उत्पाद के बाजिव दाम भी प्राप्त होते हैं। गहलोत ने कुल्लू के बुनकरों की सराहना करते हुए कहा कि कुल्लू जिला ने हस्तशिल्प में देशभर में अलग पहचान स्थापित की है। यहां की शॉल को सबसे पहले जी.आई. टैग प्राप्त हुआ है। उन्होंने कहा कि यहां के बुनकर उत्तम किस्म के हस्तशिल्प बाजार में उतारते हैं। इसके उपरांत गहलोत तथा उनकी टीम ने भुट्टिको वीवर्ज कंपनी का दौरा भी किया और शॉल, टोपी तथा अन्य वस्त्रों की बुनाई की बारीकियों को जाना। उन्होंने कहा कि भुट्टिकों ने अपनी अलग पहचान स्थापित की है।

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