सुरभि न्यूज़ (खुशी राम ठाकुर) बरोट। चौहार घाटी के प्रमुख देवता हुरंग नारायण आजकल चौहार घाटी के भ्रमण पर है। जिस कारण देव हुरंग नारायण के घाटी में दौरा करने से समुची चौहारघाटी देव हुरंग नारायण के उद्घोष से गूंज रही है। इस दौरान घाटी के गाँव–गाँव में देव हुरंग नारायण और उनके साथ आए समस्त कारदारों का भव्य स्वागत किया जा रहा है। देव हुरंग नारायण मंघर पूर्णिमा 23 नवम्बर के दिन घाटी में बजीर नाम से विख्यात आराध्य देव पशाकोट के साथ पशाकोट के मूल स्थल मठी वजगाण में देव मिलन करने के उपरांत थलटूखोड़ तथा टिक्कन क्षेत्र के हर गाँव की परिक्रमा करने के साथ-साथ स्थानीय लोगों द्वारा मन्नतें पूरी होने पर उनके द्वारा आयोजित देव जातरों को स्वीकारते करते हुए गत दिन बरोट पंचायत के ढरांगण गाँव में रात्रि ठहराव करने के बाद बरोट पंचायत के थुजी गाँव में पहुंचे।
थुजी गाँव के लोगों द्वारा देवता हुरंग नारायण और कारदारों का जोरदार स्वागत और पुरानी परम्परा के अनुसार देवता के आगमन की पूरी प्रक्रिया निभाई गई। चौहारघाटी के देव हुरंग नारायण ग्रामीणों के लिए सरकार तन्त्र और न्यायालय से भी सर्वोपरि है। घाटी के लोग किसी भी प्रकार के वाद– विवाद, लड़ाई–झगड़े और चोरी आदि के मसले को लेकर न्यायालय नहीं बल्कि सबसे पहले देव अदालत में हाजिरी लगाते हैं। लोगों को न्याय देवता के माध्यम से अवश्य ही मिल जाता है और आरोपियों को देव प्रकोप का दण्ड भी अवश्य ही भोगना पड़ता है। यही नहीं देवता के समक्ष अपने किए हुए पश्चाताप और माफ़ी माँगने पर दोनों पक्षों के बीच समझौता भी कर दिया जाता है। इसके साथ जो लोग देवता की अवहेलना करने की कोशिश या अपनी मनमानी करने की सोचते हैं उसकी सजा आरोपियों के साथ-साथ परिवार के अन्य बेकसूर परिवार और जहां तक कि अगले वंश को भी इसका मजबूरन दंड भोगना पड़ता है।
इसी खोफ के कारण अन्य क्षेत्रों की अपेक्षा चौहार घाटी में बहुत ही कम अपराध होते हैं। देव हुरंग नारायण के मुख्य गुर बणकू राम तथा राजू राम ने बताया कि इस दौरान उनके साथ उनके सहयोगी गुर राजू राम नड़ व गुड्डू राम विशेष रूप से उपस्थित रह रहे ने बताया कि देव हुरंग नारायण हर पांच वर्षों बाद अपने छोटे भाई देवा पशाकोट से मठी वजगाण में मिलने के बाद घाटी का दौरा करने निकल पड़ते हैं। लोगों की मन्नतें पूरी कर सुख समृद्धि का सन्देश देतें हैं। उन्होंने बताया कि सोमवार को बरोट गाँव में रात्रि ठहरायो के उपरांत चौहारघाटी के अन्य गाँव कहोग, नमाण, पालाखुंडी, कल्होग आदि गाँवों का दौरा कर जोगिन्द्र नगर क्षेत्र के हराबाग, गलू, गुम्मा आदि गाँवों में परिक्रमा करने के बाद पद्धर क्षेत्र के नारला, कुन्नू, पद्धर, बल्ह रोपा, गुआली आदि गाँवों का भ्रमण करने के बाद लोहडी पर्व के आसपास देव हुरंग नारायण अपने मूल स्थल हुरंग गाँव में स्थित अपने मंदिर में पूरे विधि विधान से पुनः विराज़मान हो जाएंगे। उसके कुछ दिनों बाद देव हुरंग नारायण मंडी में होने वाले शिवरात्रि मेले में शरीक होने के लिए रवाना होगे। |