*आज का हिन्दू पंचांग*

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सुरभि न्यूज़ (विशाल कांगड़ा)

🌞 ~ *आज का हिन्दू पंचांग*
⛅ *दिनांक – 21 जनवरी 2022*
⛅ *दिन – शुक्रवार*
⛅ *विक्रम संवत – 2078*
⛅ *शक संवत -1943*
⛅ *अयन – उत्तरायण*
⛅ *ऋतु – शिशिर*
⛅ *मास – माघ (गुजरात एवं महाराष्ट्र के अनुसार – पौष)*
⛅ *पक्ष – कृष्ण*
⛅ *तिथि – तृतीया सुबह 08:51 तक तत्पश्चात चतुर्थी*
⛅ *नक्षत्र – मघा सुबह 09:43 तक तत्पश्चात पूर्वाफाल्गुनी*
⛅ *योग – सौभाग्य शाम 03:06 तक तत्पश्चात शोभन*
⛅ *राहुकाल – सुबह 11:27 से दोपहर 12:50 तक*
⛅ *सूर्योदय – 07:19*
⛅ *सूर्यास्त – 18:20*
⛅ *दिशाशूल – पश्चिम दिशा में*
⛅ *व्रत पर्व विवरण – संकट चतुर्थी (चंद्रोदय रात्रि 9:25)*
💥 *विशेष – *तृतीया को पर्वल खाना शत्रुओं की वृद्धि करने वाला है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
🌷 *विघ्नों और मुसीबते दूर करने के लिए* 🌷
👉 *21 जनवरी 2022 शुक्रवार को संकट चतुर्थी (चंद्रोदय रात्रि 9:25)*
🙏🏻 *शिव पुराण में आता हैं कि हर महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी ( पूनम के बाद की ) के दिन सुबह में गणपतिजी का पूजन करें और रात को चन्द्रमा में गणपतिजी की भावना करके अर्घ्य दें और ये मंत्र बोलें :*
🌷 *ॐ गं गणपते नमः ।*
🌷 *ॐ सोमाय नमः ।*
🌷 *चतुर्थी‬ तिथि विशेष* 🌷
🙏🏻 *चतुर्थी तिथि के स्वामी ‪भगवान गणेश‬जी हैं।*
📆 *हिन्दू कैलेण्डर में प्रत्येक मास में दो चतुर्थी होती हैं।*
🙏🏻 *पूर्णिमा के बाद आने वाली कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्ट चतुर्थी कहते हैं।अमावस्या के बाद आने वाली शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहते हैं।*
🙏🏻 *शिवपुराण के अनुसार “महागणपतेः पूजा चतुर्थ्यां कृष्णपक्षके। पक्षपापक्षयकरी पक्षभोगफलप्रदा ॥*
➡ *“ अर्थात प्रत्येक मास के कृष्णपक्ष की चतुर्थी तिथि को की हुई महागणपति की पूजा एक पक्ष के पापों का नाश करनेवाली और एक पक्षतक उत्तम भोगरूपी फल देनेवाली होती है ।

🌷 *कोई कष्ट हो तो* 🌷
🙏🏻 *हमारे जीवन में बहुत समस्याएँ आती रहती हैं, मिटती नहीं हैं । कभी कोई कष्ट, कभी कोई समस्या। ऐसे लोग शिवपुराण में बताया हुआ एक प्रयोग कर सकते हैं कि, कृष्ण पक्ष की चतुर्थी (मतलब पुर्णिमा के बाद की चतुर्थी ) आती है। उस दिन सुबह छः मंत्र बोलते हुये गणपतिजी को प्रणाम करें कि हमारे घर में ये बार-बार कष्ट और समस्याएं आ रही हैं वो नष्ट हों।
👉🏻 *छः मंत्र इस प्रकार हैं –
🌷 *ॐ सुमुखाय नम: : सुंदर मुख वाले; हमारे मुख पर भी सच्ची भक्ति प्रदान सुंदरता रहे ।*
🌷 *ॐ दुर्मुखाय नम: : मतलब भक्त को जब कोई आसुरी प्रवृत्ति वाला सताता है तो… भैरव देख दुष्ट घबराये ।*
🌷 *ॐ मोदाय नम: : मुदित रहने वाले, प्रसन्न रहने वाले । उनका सुमिरन करने वाले भी प्रसन्न हो जायें ।*
🌷 *ॐ प्रमोदाय नम: : प्रमोदाय; दूसरों को भी आनंदित करते हैं । भक्त भी प्रमोदी होता है और अभक्त प्रमादी होता है, आलसी । आलसी आदमी को लक्ष्मी छोड़ कर चली जाती है । और जो प्रमादी न हो, लक्ष्मी स्थायी होती है ।*
🌷 *ॐ अविघ्नाय नम:*
🌷 *ॐ विघ्नकरत्र्येय नम:
📒 *हिन्दू पंचांग प्रकाशित स्थल ~ सुरत शहर (गुजरात)*
🙏🏻🌷🌸🌼💐☘🌹🌻🌺🙏🏻

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