बस का शीशा न बदलवाने पर सेवानिवृत्ति से दो दिन पहले क्षेत्रीय प्रबंधक निलंबित

Listen to this article

सुरभि न्यूज़ शिमला। गलती तो गलती होती है वह छोटी हो या बड़ी हो कई बार छोटी सी गलती के गंभीर परिणाम भुगतने पड़ते हैं। ऐसी ही एक गलती का खामियाजा बस का टूटा शीशा न बदलवाने पर  क्षेत्रीय प्रबंधक शिमला लोकल को भुगतना पड़ा।  यह कार्रवाई क्षेत्रीय प्रबंधक की सेवानिवृत्ति से ठीक दो दिन पहले की गई है। हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) की बस का टूटा शीशा न बदलवाने पर प्रबंध निदेशक ने क्षेत्रीय प्रबंधक शिमला लोकल को निलंबित कर दिया है। यह कार्रवाई क्षेत्रीय प्रबंधक की सेवानिवृत्ति से ठीक दो दिन पहले की गई है। दरअसल, 26 मार्च को चंडीगढ़ से शिमला आ रही लोकल डिपो की बस (एचपी 03 बी 6177) का प्रबंध निदेशक संदीप कुमार ने वाकनाघाट के पास निरीक्षण किया था। कुछ समय बाद प्रबंध निदेशक अपनी गाड़ी से शिमला से सटे तारादेवी पहुंचे। यहां प्रबंध निदेशक की गाड़ी ने इसी बस से पास लिया तो उनकी नजर टूटे शीशे पर पड़ गई। उन्होंने अपने मोबाइल फोन पर इसके फोटो लिए और मंडलीय प्रबंधक (तकनीकी) को फोन कर बस के शीशे दुरुस्त करने के आदेश दिए। इसके बाद क्षेत्रीय प्रबंधक शिमला लोकल को शीशा बदलवाने के लिए कहा गया। 27 मार्च को सुबह 10:35 बजे इस बस को शिमला से मनाली रूट पर भेज दिया गया लेकिन टूटा शीशा नहीं बदला गया। इसकी सूचना जब प्रबंध निदेशक को मिली तो उन्होंने आदेशों का पालन करने में लापरवाही बरतने पर क्षेत्रीय प्रबंधक को निलंबित कर दिया। क्षेत्रीय प्रबंधक एचआरटीसी मुख्यालय में प्रबंध निदेशक से मिले और उन्हें तथ्यों से अवगत करवाया। रिटायरमेंट से पहले निलंबन की गाज न गिराने का आग्रह भी किया, लेकिन प्रबंध निदेशक अपने फैसले पर अडिग रहे। क्षेत्रीय प्रबंधक शिमला लोकल का कहना है कि अड्डा इंचार्ज और वर्कशाप मैनेजर को बसें रूटों पर भेजने से पहले शीशों की स्थिति जांचने के निर्देश दिए थे। बावजूद इसके एल्यूमीनियम शीट लगी बस रूट पर भेज दी गई। इस बस को रूट पर चलाने से पहले वर्कशाप भेजने के निर्देश दिए थे। उन्होंने कहा कि अड्डा इंचार्ज की लापरवाही का खामियाजा मुझे भुगतना पड़ा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *