जिला कुल्लू में उचित मूल्य की 444 दुकानों के माध्यम से सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत 17.50 करोड़ के खाद्यान्न वितरित

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सुरभि न्यूज़
कुल्लू

जिला कुल्लू में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत बीती तिमाही के दौरान 444 उचित मूल्य की दूकानों के माध्यम से उपभोक्ताओं को कुल 17.50 करोड़ रुपये मूल्य की आवश्यक वस्तुएं व  खाद्यान्न सस्ते दामों पर उपलब्ध करवाए गए हैं। कार्यकारी उपायुक्त प्रशांत सरकैक ने इस इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि जिला में कुल 1,16,868 राशनकार्ड हैं जो 4,38,516 की आबादी को कवर करते हैं। जिला में  कुल्लू विकास खण्ड में 176, बंजार में 71, नग्गर में 99, निरमण्ड में 52 तथा आनी में 51 उचित मूल्य की दुकाने खाद्यान्न वितरित कर रही है। इसके अलावा 23 शाखाएं भी उपभोक्ताओं को सस्ता राशन उनके घर-द्वार के समीप वितरित कर रही हैं। जिला में आधार सीडिंग का कार्य 99.14 प्रतिशत पूरा कर लिया है और जल्द ही यह आंकड़ा शत-प्रतिशत हो जाएगा। इसी प्रकार जिला में उपभोक्ताओं के राशन कार्ड डाटाबेस में किये गए मोबाईल सीडिंग का कार्य आनी खण्ड में 59 प्रतिशत, बंजार में 74.35 प्रतिशत, कुल्लू में 69 प्रतिशत, नग्गर में 64 प्रतिशत, निरमण्ड में 64 प्रतिशत किया गया है। सभी 444 उचित मूलय की दुकानों पर पौस मशीनों द्वारा बायोमिट्रिक प्रणाली के माध्यम से खाद्यान्नों की बिक्री करवाई जा रही है। जिला के दूरवर्ती क्षेत्रों में उचित मूल्य की दुकानें जरूरत अनुसार खोली जा रही हैं ताकि उपभोक्ताओं को सुविधा प्रदान की जा सके। सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत जिला में बीती तिमाही के दौरान 4,484 क्विंटल आटा तथा 2579 क्विंटल चावल उपभोक्ताओं में विभिन्न योजनाओं के तहत सस्ते दामों पर उपलब्ध करवाए गए हैं। विशेष अनुदान योजना के तहत 610 क्विंटल  चीनी, उर्द अथवा माश 243 क्विंटल, मलका दाल 132 क्विंटल, चना दाल 265 क्विंटल, मूंग दाल 109 क्विंटल, आयोडीन युक्त नमक 211 क्विंटल, सरसों तेल 4.52 लाख लीटर तथा रिफाईण्ड तेल 1.10 लाख लीटर उपभोक्ताओं में वितरित किया गया है। जिला में 178 दुकानों के निरीक्षण किये गए हैं जिनमें 43 में अनियमितताएं पाई गई। पांच दुकानदारों को चेतावनी जारी की गई। 90 हजार रुपये की प्रतिभूति राशि जब्त की गई जबकि खाद्यान्नों की मूल्यांतर राशि 20 हजार रुपये वसूली गई। नमूने प्रायः गंदम आटा, चावल, चीनी, सरसोें तेल व दालों के  एकत्रित किये जाते हैं। खाने-पीने की वस्तुुओं में किसी प्रकार की मिलावट अथवा दोष न हो, इसके बारे में प्रत्येक उपभोक्ता को जानकारी होना जरूरी है। विभाग ने 20 उपभोक्ता शिविरों का आयोजन जिला के विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों में किया है। शिविरों में विभाग की योजनाओं की जानकारी भी लोगों को प्रदान की जा रही है। उपभोक्ताओं को सुचारू तौर पर एलपीजी गैस उपलब्ध हो इसके लिये जिला में 13 गैस एजेन्सियां कार्यरत हैं जिनमें 1.51 लाख उपभोक्ता पंजीकृत हैं। वाहनों के माध्यम से लोगों के उनकी मांग पर घर-द्वार पर गैस सिलिण्डर उपलब्ध करवाए जा रहे हैं।

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