सुरभि न्यूज़ ब्यूरो
कुल्लू
जिला कुल्लू मुख्यालय के अटल सदन में मुख्य संसदीय सचिव ऊर्जा ,पर्यटन, वन व परिवहन सुंदर सिंह ठाकुर ने सूत्रधार कला संगम कुल्लू द्वारा आयोजित 25 वीं सूत्रधार होली संध्या में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की।
जन्होने कहा कि प्रदेश सरकार प्रदेश की समृद्ध संस्कृति के सरक्षण व सम्बर्धन के लिए वचनबद्ध है।कुल्लू जिला अपनी समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर, रीति- रिवाज, पहनावा व संस्कृति के लिए देश भर में जाना जाता है।
उन्होंने कहा कि जिले की समृद्ध संस्कृति के सरक्षण तथा संवर्धन में सूत्रधार कला संगम अहम भूमिका निभा रहा है। संस्था का गठन संस्थापक दिनेश सैन के नेतृत्व में 1977 में किया गया था।
संस्था पिछले 45 वर्षों से कला संस्कृति के क्षेत्र में हिमाचल ही नहीं बल्कि देश के विभिन्न हिस्सों सहित विदेशों में भी अपनी प्रस्तुतियों के माध्यम से जिले की समृद्ध संस्कृति का संरक्षण तथा प्रसार प्रचार सुनिश्चित बना रही है।
उन्होंने ने स्वर्गीय रामकुमार जी द्वारा जिले की पारम्परिक संस्कृति के सरक्षण व सम्वर्धन के लिए प्रयासों की सराहना की। उन्होंने बैरागी समुदाय को परम्पराओं को सरंक्षित करने में दिये योगदान को सराहा।
उन्होंने संस्था के पदाधिकारियों को इस तरह के आयोजन करने के लिए बधाई दी तथा कहा कि ऐसे आयोजनों से युवाओं को अपने रीती रिवाजों व संस्कृति को नजदीक से देखने का अवसर प्राप्त होता है
उन्होंने युवा पीढ़ी से अपनी समृद्ध संस्कृति के संरक्षण व संवर्धन का आह्वान किया तथा कहा कि इसी से हमारी पहचान है। उन्होंने सूत्रधार होली संध्या रजत जयंती की बधाई दी।
सूत्रधार कला संगम के अध्यक्ष दिनेश सेन ने मुख्य अतिथि व अन्य गणमान्य का स्वागत किया। उन्होंने संस्था की गतिविधियों की विस्तृत जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि आज की होली संध्या लेखक, संगीतकार एवं गायक स्व रामकुमार को समर्पित है जिनका जिले की समृद्ध संस्कृति, लोक गायन के सरक्षण व सम्बर्धन में महत्वपूर्ण योगदान रहा है।
सूत्रधार होली संध्या मे ट्विंकल, अर्पिता, स्मृति, खशबू,जीवन, लाल सिंह, संजय,,पायल, कशिश ने पारम्परिक शास्त्रीय व स्व रामकुमार द्वारा रचित व लिखित गानों का गायन किया।
सूत्रधार होली संध्या में अकादमी के कलाकारों ने होली में गाये जाने वाले पांरपरिक गीतों की एक से बढ़कर एक बेहतरीन प्रस्तुती दी। इस अवसर पर संगीत प्रेमी दर्शकों तथा आयोजकों ने संगीत का भरपूर आनंद लेने के साथ एक दूसरे पर फूलों के रंग बिखेर कर खूब झूमे।