अपनी बात : नशे में डूबता जा रहा देश का भविष्य

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प्रताप अरनोट

सुरभि न्यूज़ ब्यूरो

कुल्लू, 16 मार्च

शराब पीना और पिलाना आजकल हर घर में आम बात हो गई है, जिसके कारण आज कई परिवार तबाह हो रहे हैं। शराब में पड़ने बाले एल्कोहल से शरीर और दिमाग में बुरा असर पड़ता है तथा कई बीमारियां शरीर में लग जाती हैं। देखा गया है कि इस लत के आदी ज्यादातर मध्यम वर्ग के परिवार हैं। युवा पीढ़ी का झुकाव इस ओर ज्यादा होता जा रहा है। जो देश के भविष्य के लिए खतरनाक हो सकता है।

सरकार को भारी-भरकम आय होने के कारण शराब को और अधिक बढ़ावा दे रही है, जिससे युवा पीढ़ी का भविष्य तबाह होता नजर आ रहा है। वह देश कभी तरक्की की ओर अग्रसर नहीं हो सकता, जहां दूध की नदियां बहने के बजाय हर युवा के हाथ में शराब की बोतल हो और एक युवा पढ़ाई के खर्चे से शराब पीकर इस लत का शिकार हो। इस लत के कारण बाप बच्चे के दूध के पैसे से शराब की बोतल लाए और पत्नी के गहने बेचने पर मजबूर हो जाए। हिमाचल प्रदेश में गांव-गांव में शराब के ठेके खोलने से गांव में बहुत बुरा असर पड़ रहा है।

हाल ही में हिमाचल सरकार ने शराब के ठेकों की नीलामी की गई जिसमे 40 प्रतिशत अधिक बोली होकर सरकार को 28 00 करोड़ की आय हुई है। गाँव- गाँव में सरकार ने शराब के ठेके खोल रखे है जिससे गांवों के युवा नशे की गर्त डूबते जा रहे है। नशे के खिलाफ गांव के लोगों को भी आगे आने के जरूरत है, जिससे गांव के युवाओं का भविष्य बिगड़ने से बच सके। अगर युवाओं का भविष्य इस लत से बचाना होगा तो हम सबको मिलकर नशे के खिलाफ एक जंग शुरू करनी पड़ेगी।

इस लत को युवाओं से छुड़ाने के लिए कुछ सावधानियां अपनाई जा सकती हैं, जिससे इस लत से छुटकारा पाया जा सकता है। बच्चों की देखभाल का जिम्मा मां-बाप पर होता है। इसलिए जब बच्चा बड़ा हो जाए तो उसका ख्याल रखें कि वह किसी गलत संगत में तो नहीं जा रहा। अगर ऐसा कुछ लगे तो उससे मारपीट न करें बल्कि उसे प्यार से समझाएं। उसे विश्वास दिलाएं कि इस लत से क्या-क्या हानियां होती हैं।

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