सुरभि न्यूज़
कुल्लू 01 फरवरी
जिला प्रशासन द्वारा करवाई गई प्रेस क्लब कुल्लू की जांच में अवैध घोषित प्रेस क्लब कार्यकारिणी को प्रधान सहित बर्ख़ास्त कर दिया गया। उपायुक्त एवं एडिशनल रजिस्टर ऑफ सोसाइटी तोरूल एस रवीश ने जांच रिपोर्ट का संज्ञान लेते हुए प्रेस क्लब में प्रशासक नियुक्त करने की अधिसूचना जारी कर दी है। जिसके तहत तहसीलदार भुंतर को प्रेस क्लब का प्रशासक नियुक्त किया गया है।
वहीं, प्रशासक की नियुक्ति की अधिसूचना जारी होते ही प्रेस क्लब की जांच करवाने वाले चार पत्रकारों में से 2 वरिष्ठ पत्रकारों विनोद महंत व धर्मचंद यादव के खिलाफ प्रेस क्लब का शटर बंद करने के आरोप में पुलिस के पास शिकायत दर्ज करवा दी गई।
उल्लेखनीय है कि कुल्लू के चार पत्रकारों धर्मचंद यादव, विनोद महंत, प्रताप अरनोट व प्रेमलाल ने एसडीएम कुल्लू को शिकायत पत्र देकर प्रेस क्लब कुल्लू का संचालन मनमाने तरीके से करने के साथ ही वित्तीय जांच करवाने का भी आग्रह किया था।
जिस पर उन्होंने सहकारिता विभाग को मामले की जाँच करने के निर्देश दिए थे। सहकारिता विभाग द्वारा जांच किए जाने के बाद अपनी रिपोर्ट में स्पष्ट कहा कि प्रेस क्लब कुल्लू के चुनाव संविधान के मुताबिक नहीं हुए हैं। क्लब की कार्यकारिणी पूरी तरह असंवैधानिक है।
इसके साथ ही जांच रिपोर्ट में यह भी स्पष्ट किया गया कि प्रेस क्लब के प्रधान व अन्य ने वित्तीय संबंधी कोई लेखा-जोखा जांच अधिकारी को पेश नहीं किया। ऐसे में कार्यकारिणी को असंवैधानिक बताते हुए जांच रिपोर्ट में प्रेस क्लब कुल्लू में तत्काल प्रशासक लगाने की सिफारिश की गई।
उसके बाद पिछले दिन उपायुक्त द्वारा प्रेस क्लब में प्रशासक की नियुक्ति करने की अधिसूचना जारी कर दी है। ऐसे में प्रेस क्लब के प्रधान सहित पूरे कार्यकारिणी बर्खास्त हो गई है। उपायुक्त द्वारा प्रशासक को निर्देश दिए गए हैं कि वह प्रेस क्लब की सदस्यता के साथ-साथ अन्य गतिविधियों का संचालन करते हुए वित्तीय अनियमितताओं की जांच भी करें।
वहीं, प्रशासक की नियुक्ति होते ही जांच करवाने वाले चार पत्रकारों में से दो वरिष्ठ पत्रकारों विनोद महंत व धर्मचंद यादव के खिलाफ बीती शाम प्रेस क्लब का शटर बंद करने के आरोप में तीन महिलाओं से पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई गई। आरोप लगाया गया कि दोनों पत्रकारों द्वारा प्रेस क्लब का शटर बंद करके उन्हें परेशान किया गया।
अहम बात यह है कि प्रेस क्लब का शटर लगभग रोजाना शाम को पत्रकार ही तब बंद करते हैं, जब अंदर कोई नहीं होता है। जबकि ऊपरी मंजिल में बैठने वालों के लिए बाहर आने जाने का अलग से रास्ता है। जो पूरी तरह खुला रहता है।
लेकिन इसके बावजूद भी दो पत्रकारों के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई गई, जो पूरी तरह से बुनियाद साबित होने वाली है। हालांकि पुलिस मामले की गंभीरता से जांच कर रही है।
वहीं, जिला मुख्यालय पर कार्यरत बड़ी संख्या में पत्रकारों ने इस मामले को लेकर कड़ी नाराजगी जताई है तथा पुलिस से उसकी गंभीरता से जांच करने की मांग की है।