सुरभि न्यूज़
खुशी राम ठाकुर, बरोट
जिला कांगड़ा की छोटाभंगाल घाटी तथा जिला मंडी की चौहार घाटी में गत लगभग सात दशकों से कई छोटे से लेकर बड़े- बड़े भयंकर अग्निकांड हो चुके हैं | इन अग्निकांडो को देखते हुए सरकार व प्रशासन को घाटियों के गाँवों में आग से बचाव के लिए पुख्ता प्रबंध समय रहते कर लेना चाहिए घाटियों के गाँवों में इससे पूर्व भी कई भयंकर आग्निकांड हो चुके हैं |जानकारी के अनुसार वर्ष 1971 के बाद से इन घाटियों में घटित हुए बड़े – बड़े अग्नि कांडों से अबतक करोड़ों रूपये का नुक्सान हो जाने के साथ – साथ कई लोगों को अपनी जान भी गंवाना पड़ी है | छोटाभंगाल घाटी की बड़ा ग्रां पंचायत की प्रधान चन्द्रमणी देवी , कोठी कोहड़ पंचायत की प्रधान रक्षा देवी , धरमान पंचायत की प्रधान रेखा देवी , मुल्थान पंचायत की प्रधान दुर्गेश कुमारी , लोआई पंचायत के उपप्रधान तिलक ठाकुर तथा चौहार घाटी की खलैहल पंचायत पंचायत के प्रधान भागमल , लपास पंचायत के प्रधान रमेश चंद पूर्व उपप्रधान भोखी राम सहित घाटियों के समस्त लोगों का कहना है कि घाटियों के केन्द्र स्थल मुल्थान या बरोट में अग्निशमन को खोलने की जोरदार मांग की गई जा चुकी है मगर आजतक इस पर कोई भी कार्रवाई नहीं हो पाई है | इन पंचायत प्रतिनीधियों सहित घाटियों के समस्त लोगों ने घाटियों में अबतक हुए भयंकर अग्निकांड को देखते हुए सरकार से एक बार फिर से जोरदार मांग की है कि समय रहते ही इन दोनों घाटियों के केन्द्र स्थल मुल्थान या फिर बरोट में अग्निशमन केन्द्र को स्थापित किया जाए | उनका कहना है कि छोटा भंगाल तथा बड़ा भंगाल घाटी की सभी आठ पंचायतें हैं और इन पंचायतों के अंतर्गत लगभग पैतीस गाँव तथा उपगांव पड़ते है और इन गाँवों की कुल आबादी लगभग नौ हज़ार है तथा चौहार घाटी की तेरह पंचायतें है और इन पंचायतों के अंतर्गत लगभग 120 गाँव तथा उपगांव पड़ते हैं उनमें से अधिकांश गाँव अब सड़क सुविधा से जुड़ गए हैं मगर सरकार द्वारा यहाँ पर अग्निशमन केन्द्र स्थापित न करने पर बिल्कुल अन्याय ही किया जा रहा है | प्राप्त जानकारी के अनुसार गत पांच दशकों में वर्ष 1971 में छोटाभंगाल घाटी के बड़ा ग्रां में 90, वर्ष 1990 में स्वाड़ गाँव में 36 , वर्ष 1980 में तरमेहर गाँव में 52 और इसी गाँव में ही वर्ष 1984 में 18, वर्ष 1995 में अन्दरली मलाह गाँव में 80, वर्ष 1999 में खड़ी मलाह गाँव में 14, वर्ष 2005 में बखलोग गाँव में 15 मकान अग्निकांड से पूरी तरह स्वाह हो गए और पांच लोग तथा दर्जनों पशु भी आग की चपेट में आकर ज़िंदा जल गए |वर्ष 2006 में में अन्दरली मलाह गाँव में फिर एक बार 40 मकान , वर्ष 2007 में पोलिंग गाँव में तीन मंजिला मकान जलकर राख हो गया | वर्ष 2010 तथा वर्ष 2014 में कोठी कोहड़ गाँव में दो मंजिला मकान, वर्ष 2012 में गाँव लोआई में 20 मकान राख हो गए हैं |वर्ष 2013 में लोहारडी बाज़ार में एक लकड़ी के खोखे रह रहा बुजूर्ग खोखे सहित जिन्दा जला, वर्ष 2013 मे फिर एक बार तीन मंजिला मकान आग की भेंट चढ़ गया है |इसके अलावा वर्ष 2004, चौहार घाटी के वोचिंग गाँव में नौ मकान , वर्ष 2006 में कढियाण गाँव में छः मकान व पशु , वर्ष 2007 में गाँव ख्बाण में तीन मकान तथा एक युवती भी ज़िंदा ही जल गई | वर्ष 2011 में गाँव लचकंडी में तीन मकान , वर्ष 2014 में धमरहेड़ गाँव में दो मंजिला मकान जल कर राख हो गया है वर्ष 2012 मे गाँव थुजी में एक मकान जल कर्र पूरी तरह राख हो चुका है और अब वर्ष 2024 में गत दिन रूलिंग गाँव में एक तीन मंजिला मकान तथा बड़ी झरवाड़ गाँव में भी एक तीन मंजिला मकान व साथ लगता एक मकान लगभग पच्चास प्रतिशत जल गया | इस वर्ष रविवार के दिन चौहार घाटी के लंबाडग के व्यापारियों की दुकानें जलकर आगजनी से राख हु गई है | इस बारे में द्रंग के विधायक पूर्ण चंद ठाकुर का कहना है कि घाटी वासियों द्वारा अगनी शमन खोलने की जायज़ मांग है इस मांग को पूरा करने के लिए सरकार से अवश्य ही बात की जाएगी वहीँ बैजनाथ की विधायक एवं मुख्य संसदीय सचिव किशोरी लाल का कहना है कि मुख्यमंत्री ने हाल ही में पेश किए गयी बज़ट सत्र की दौरान छोटा भंगाल घाटी के मुल्थान में अग्निशमन केन्द्र को स्थापित करने की बात अपने आप कह दी है जिसका वे स्वागत करते हैं उन्होंने कहा कि यहाँ के लोगों की भौगोलिक परिस्थिति को देखते हुए वे स्वयं मुख्यमंत्री से यहाँ पर अग्नि शमन केन्द्र को स्थापित करने के लिए बार – बार ही याद दिलाते रहेंगे और उन्होंने पूर्ण विश्वाश दिलवाया कि यहाँ पर अवश्य ही अग्निशमन को स्थापित कर दिया जाएगा |