सुरभि न्यूज़ कुल्लू। जिला कुल्लू में कौशल विकास भत्ता योजना बेरोजगार युवाओं के सपनों को साकार करने में सहायक सिद्ध हो रही है। प्रदेश सरकार द्वारा वर्ष 2013 में शुरू की गई इस योजना के तहत रोजगार विभाग के माध्यम से बेरोजगार युवाओं को विभिन्न सरकारी तथा गैर सरकारी तकनीकि संस्थानों के माध्यम से विभिन्न वांछित व्यवसायों में प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। उनका कौशल उन्ययन करके रोजगारोन्मुखी बनाया जा रहा है ताकि वह अपनी आर्थिकी को संबल प्रदान कर सकें। जिला रोजगार कार्यालय कुल्लू, उप-रोजगार कार्यालय बंजार तथा आनी में कौशल विकास भत्ता योजना के अंतर्गत 54 हजार 51 आवेदक पंजीकृत हैं। प्रदेश सरकार की ओर से इन लाभार्थियों को कौशल विकास भत्ता योजना के तहत रोजगार विभाग के माध्यम से अब तक 23 करोड़ 80 हजार रूपए की राशि प्रदान की जा चुकी है। जिला में योजना के तहत गत वित्त वर्ष के दौरान विभिन्न संस्थानों में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे 537 पंजीकृत नए लाभार्थियों को एक करोड़ 17 लाख 27 हजार रूपए की राशि कौशल विकास भत्ता के रूप में वितरित की जा चुकी है। जिला में अब तक कुल 22 हजार 249 पंजीकृत लाभार्थियों कोयोजना के तहत 23 करोड़ 80 हजार रूपए की राशि कौशल विकास भत्ता के रूप में प्रदान कर लाभान्वित किया जा चुका है।
क्या है योजना के लिए पात्रता
कौशल विकास भत्ता योजना के तहत दिव्यांग आवेदक जिनकी अपंगता 50 प्रतिशत है, को 1500 रूपए प्रति माह जबकि अन्य श्रेणी के आवेदकों को 1000 रूपए प्रति माह भत्ता के रूप में दिए जाते हैं। योजना का लाभ K के लिए आवेदक कम से कम आठवीं श्रेणी पास तथा आयु 16 वर्ष पूर्ण तथा 36 वर्ष से कम होनी चाहिए। आवेदक सरकारी अथवा मान्यता प्राप्त निजी संस्थान में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहा हो, हिमाचल प्रदेश का स्थाई निवासी हों तथा उसका नाम रोजगार कार्यालय में दर्ज होना अनिवार्य है। इसके अतिरिक्त आवेदक की वार्षिक आय सभी स्त्रोतों से 2 लाख से कम होनी चाहिए। इसके अतिरिक्त प्रदेश सरकार द्वारा वर्ष, 2017 से एक अन्य बेरोजगार भत्ता योजना भी शुरू की गई है। योजना का मुख्य उददेश्य बेरोजगार युवाओं को एक निश्चित अवधि के लिए सक्षम बनाना है। उन्हें भी विकास की मुख्य धारा के साथ जोड़कर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित एवं प्रोत्साहित करना है ताकि वह स्वयं को असहाय न महसूस करें। जिला में सभी रोजगार कार्यालयों के माध्यम से योजना के तहत 8 हजार 487 आवेदक पंजीकृत किए गए हैं। इन सभी आवेदकों को इस योजना का लाभ मिल रहा है। उन्हें अब तक रोजगार विभाग के माध्यम से 11 करोड़ 25 लाख 72 हजार 500 रूपए की राशि मासिक बेरोजगार भत्ता के रूप में प्रदान की जा चुकी है। योजना के तहत गत वित्तीय वर्ष के दौरान 2 हजार 7 नए पंजीकृत लाभार्थियों को अब तक 2 करोड़ 54 लाख 45 हजार 500 रूपए की राशि इन बेरोजगार युवाओं को मासिक बेरोजगार भत्ता के रूप में वितरित कर लाभान्वित किया गया है। योजना के तहत दिव्यांग आवेदकों को जिनकी अपंगता 50 प्रतिशत हो, के लिए 1500 रूपए प्रति माह तथा अन्य श्रेणी के आवेदकों को 1000 रूपए प्रति माह बेरोजगार भत्ता के रूप में प्रदान किए जाते हैं। योजना का लाभ उठाने के लिए आवेदक के लिए शैक्षणिक योग्यता कम से कम दस जमा दो पास तथा आयु 20 से 35 वर्ष के बीच होनी चाहिए। वह हिमाचल प्रदेश का स्थाई निवासी होना चाहिए। वह स्वयं नियोजित नहीं होना चाहिए। वह नियमित रूप से कोई प्र्रशिक्षण प्राप्त न कर रहा हो, उसे किसी प्रकार का कौशल विकास भत्ता न मिल रहा हो तथा उसकी वार्षिक आय सभी स्त्रोतों से दो लाख रूपए से कम होनी चाहिए। इसी प्रकार औद्योगिक कौशल विकास भत्ता योजना-2018 के अंतर्गत रोजगार विभाग के माध्यम से हिमाचल प्रदेश के श्रम एवं रोजगार विभाग में कारखाना अधिनियम, 1948 के तहत पंजीकृत उद्योगों में 2 नवम्बर, 2018 के बाद नियुक्त हुए नए कर्मचारियों/ कामगारों के लिए शुरू की गई है। इसका मुख्य उददेश्य हिमाचल प्रदेश के पात्र युवाओं को हिमाचल प्रदेश के उद्योगों/ संस्थानों में काम करते हुए उनके कौशल विकास हेतु भत्ता प्रदान करना है। औद्योगिक कौशल विकास भत्ता ऐसे दिव्यांग आवेदकों जिनकी दिव्यांगता प्रतिशतता 50 प्रतिशत स्थाई रूप से हो, उन्हें 1500/- रूपए तथा अन्य श्रेणी के आवेदकों को 1000/- रूपए प्रति माह दिया जाता है। यह भत्ता केवल दो वर्षों के लिए देय होता है। इस योजना के अंतर्गत कुल्लू जिला में अब तक 79 लाभार्थी लाभान्वित हुए हैं जिन्हें 1 लाख 99 हजार रूपए की राशि प्रदान की जा चुकी हैं। इसके अतिरिक्त, विभाग द्वारा बर्तमान समय में बेरोजगार युवाओं को राष्ट्रीय आजीविका पोर्टल पर पंजीकृत किया जा रहा है तथा साथ ही निजी क्षेत्र के नियोक्ताओं को भी इसी पोर्टल पर पंजीकृत किया जाता है। अभी तक जिला में कुल एक हजार 898 बेरोजगार युवाओं को पोर्टल पर पंजीकृत किया जा चुका है तथा निजी क्षेत्र में 23 नियोक्ताओं को भी पंजीकृत किया गया है। इस पोर्टल के माध्यम से नियोक्ता तथा बेरोजगार युवा आमने-सामने आ जाते हैं परिणामस्वरूप बेरोजगार युवाओं को अपनी शैक्षणिक योग्यता के अनुसार नौकरी तलाशने तथा नियोक्ता को अपनी मांग के अनुसार आवेदकों को ढूंढने में सहूलियत रहती है।
2021-05-17