स्वतन्त्रता सेनानी नाथू राम के जीवन पर आधारित नाटक नाथू राम शेरदिल का किया सफल मंचन

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सुरभि न्यूज़

कुल्लू

ऐक्टिव मोनाल कल्चरल ऐसोसिएशन कुल्लू द्वारा भाषा एवं संस्कृति विभाग हिमाचल प्रदेश एवं हिमाचल कला भाषा एवं संस्कृति अकादमी के संयुक्त तत्वावधान में कलाकेन्द्र कुल्लू में आयोजित किए जा रहे 13 दिवसीय ‘हिमाचल नाट्य महोत्सव’ के ग्याहरवें दिन नाट्श्रेष्ठ  ग्रुप भुन्तर के कलाकारों द्वारा कुल्लू के स्वतन्त्रता सेनानी नाथू राम के जीवन पर आधारित नाटक नाथू राम शेरदिल का मंचन कर कलाकेन्द्र परिसर को इन्कलाब ज़िदाबाद के नारों से गुंजायमान कर दिया। युवा निर्देशक रेवत राम विक्की द्वारा लिखित एवं निर्देशित इस नाटक की प्रस्तुति को दर्शकों ने तालियों की गड़गड़ाहट के साथ सराहा। नाटक नाथू राम शेरदिल हिमाचल के कुल्लू ज़िला नांगाबाग से सम्बन्ध रखने वाले एक क्रांतिकारी नाथू राम के जीवन पर आधारित है। यह नाटक उनके स्वतंत्रता संग्राम में दिए गए योगदान और बलिदान की कहानी को कहता है। नाथू राम के माँ बाप उनके बचपन में ही मर गए थे। फिर वह अपने मामा के घर में रहने लगे थे और वहीं से युवा अवस्था में ही लाहौर चले गए और युवा कांग्रेस से जाकर जुड़ गए वहाँ उन्होंने बहुत से आंदोलनों में हिस्सा लिया और एक ऐसा साहसी कार्य भी किया जिससे उनका नाम नाथू राम से नाथूराम शेरदिल पड़ा। उन्होंने लाहौर के ज़िला मुख्यालय से युनियन जैक उतारकर वहाँ तिरंगा लहराया और इसके लिए उन्हें अंग्रेज़ी सरकार ने कठोर कारावास की सज़ा दी। नाटक में नाथू राम शेरदिल के स्वतंत्रता संग्राम की कहानी के साथ साथ देश  के अन्य बड़े आंदोलनों और क्रांतिकारियों के बारे में भी बात हुई है और देश को आज़ादी कैसे मिली यह भी बताया है। नाटक में नाथू राम की भूमिका सूरज ने बेहतरीन रूप से निभाई जबकि नाथू राम के मामा की भूमिका में परमानन्द ने जान डाल दी। इसके अलावा शिनम, पायल, रितिका, पूजा, रूक्मणी,सान्या, योगिता, रिताक्षी, किरना, हंसराज, दिनेश, अंशूल व नितिन कलाकारों ने अपनी अपनी भूमिकाओं में बेहतरीन प्रस्तुति दी। नाटक में लोक संस्कृति के तत्वों का समिश्रण मन भावन लगा। पाष्र्व ध्वनि संचालन देस राज का जबकि आलोक प्रबन्धन रेवत राम विक्की का रहा।

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