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सुरभि न्यूज़
छविन्द्र शर्मा, आनी
निरमंड क्षेत्र के प्रख्यात लेखकए साहित्यकार महान शिक्षक स्वण् पंडित लोक नाथ मिश्रा की 100 वीं जयन्ती पर गुरुवार को एसडीएम सभागार आनी में उनके सुपुत्र एपीएमसी के पूर्व चेयरमैन यूपेन्द्र कांत मिश्रा के सौजन्य से साहित्यिक सांगोष्टी का आयोजन किया गया। जिसमें डीएसपी चन्द्र शेखर एक्सईएन जल शक्ति विभाग किशोर शर्मा एक्सईएन विद्युत एफसी हरनोट डीएफओ चमन रॉय सेवानिवृत्त डीएफओ एमएम खुशदिल एसएचओ पंछी लाल समाज सेवी प्रधान बन्सी लाल समाज सेवी सत् पाल ठाकुर धनी राम ठाकुर प्रभारी प्रधानाचार्य लेखक श्यामा नंद तथा प्रेस क्लब के प्रधान हरि कृष्ण शर्मा लेखक छविन्द्र शर्मा व शिवराज शर्मा सहित अन्य कई लेखक व साहित्यकार मौजूद रहे।
कार्यक्रम में एसडीएम आनी नरेश वर्मा ने बतौर मुख्यातिथि के रूप में लेखक स्व पंडित लोक नाथ मिश्रा की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें अपनी श्रद्धांजलि दी और कार्यक्रम का शुभारंभ किया। कार्यक्रम के संचालक अनिल आर्य ने संगोष्टी पर विस्तृत प्रकाश डाला, जबकि लेखक श्यामा नन्द ने सेवानिवृत्त महान शिक्षक लेखक व साहित्यकार स्वण् पंडित लोक नाथ मिश्रा की जीवनी पर प्रकाश डाला और शिक्षा क्षेत्र व साहित्य क्षेत्र में उनकी सराहनीय सेवाओं को सराहा और उनसे प्रेरणा लेने का आहवान किया। वहीं कार्यक्रम के मुख्यातिथि एसडीएम नरेश वर्मा ने लेखक स्व पंडित लोक नाथ मिश्रा की 100 वीं जयन्ती पर उनकी पुण्य आत्मा को नमन करते हुएए शिक्षा क्षेत्र सहित लोक साहित्य में उनके अतुलनीय योगदान की भरसक प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि लोक साहित्य को पुस्तकों के द्वारा संरक्षित करना भावी पीढी और शोधकर्ताओं के लिए ज्ञान अर्जित करने का सशक्त माध्यम है। लोक साहित्य को लेकर हालांकि उनके द्वारा कई पुस्तकें प्रकाशित की गई हैं लेकिन सतलुज घाटी की सांस्कृतिक पृष्टपुष्टि के टाईटल को लेकर प्रकाशित पुस्तक सतलुज घाटी के इतिहास और सांस्कृतिक पृष्ठभूमि का संपूर्ण बोध कराती है। निश्चित तौर पर ऐसी पुस्तकें अन्य लेखकों द्वारा भी लिखी जानी चाहिए ताकि हम अपने इतिहास व लोक साहित्य को जान सकें। एसडीएम नरेश वर्मा ने कहा कि लेखक स्व लोक नाथ मिश्रा को लेखन व इतिहास संकलन के लिए सरकार द्वारा हिमाचल गौरव पुरस्कार से भी अलंकृत किया गया है। जो उनके परिवार सहित पूरे क्षेत्र के लिए गौरव की बात है।
इस मौके पर कार्यक्रम आयोजक यूपेन्द्र कांत मिश्रा ने अपने संबोधन में अपने पिता शिक्षक लेखक व साहित्यकार स्व पंडित लोक नाथ मिश्रा की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उनके पिता जी ने जहाँ शिक्षा क्षेत्र में अपनी सराहनीय सेवाएं प्रदान की वहीं लेखन के क्षेत्र में भी लोक साहित्य को पुस्तकों के द्वारा संरक्षित किया है। जो वर्तमान समय में भावी पीढ़ी और शोधकर्ताओं के लिए ज्ञान अर्जित करने में सहायक हैं। उन्होंने अपने पिता की 100 वीं जयन्ती पर उन्हें अपने श्रधासुमन अर्पित करए उनकी पुण्य आत्मा को नमन किया। कार्यक्रम में उनके स्व. पिता व माता के नाम से लोक शोभा न्यूज वेब् चैनल का शुभारंभ भी किया गया।