आपदा में अपनी संपूर्ण निधि प्रदेश को अर्पित करने वाले इतिहास में एकमात्र पहले मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू – इंदु पटियाल 

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सुरभि न्यूज़

प्रताप अरनोट, सीधवां/बंजार

नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर सेना के शौर्य को भाजपा के पक्ष में भुनाने हेतु तिरंगा यात्रा निकाल रहे हैं तो मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू दिल्ली में केंद्रीय मंत्रियों से मिलकर हिमाचल प्रदेश के हकों को संरक्षित करने की हर स्तर पर वकालत कर रहे हैं। प्रदेश सरकार हर संभव प्रयास कर रही है कि राज्य साधन संपन्न बने।

प्रदेश में शिक्षा का स्तर बेहतर हो, स्वास्थ्य सुविधाऐं दुर्गम क्षेत्रों तक पहुंचे, सड़कें दुर्गम क्षेत्रों तक पहुंचे, पशुपालकों और बागवानों को विशेष सुविधा मिल सके। इसके लिए सरकार योजनाबद्ध तरीके से काम कर रही है।

ग्रामीण उत्पादों की बिक्री हेतु स्वयं सहायता समूहों को मेलों, राज्य के भीतर या बाहरी राज्यों में सस्ते स्टॉल उपलब्ध करवाए जा रहे हैं ताकि प्रदेश के उत्पाद देश विदेश तक पहुंचे। जिससे महिलाओं को आय और प्रदेश को प्रसिद्धि मिल सके। महिलाएं आर्थिक रूप से समृद्ध होंगी तो महिला सशक्तिकरण स्वयंमेव हो जाएगा।

अनाथ बच्चों, एकल नारियों, विधवा, बेसहारा महिलाओं और उनके बच्चों को सरकार पहले ही संबल प्रदान कर रही है। मुख्यमंत्री की सोच है कि सरकार जरूरतमंद लोगों का सहारा बने, शायद इसे ही व्यवस्था परिवर्तन कहते हैं।

कुछ लोग वेबजह आक्षेप करते हैं, सभी को खुश नहीं किया जा सकता किंतु योजनाओं का लाभ जरूरतमंदों तक पहुंचे ये सुनिश्चित करने हेतु मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू स्वयं मीटिंग्स में मॉनिटरिंग करते हैं।

दूर दराज के ग्रामीणों की समस्याएं सुनकर उनका समाधान करने की पहल भी मुख्यमंत्री कर चुके हैं और इसी कड़ी में 28 मई को बंजार दौरे पर दुर्गम पंचायत शरची में आ रहे हैं।

केंद्र की मदद के बिना प्रदेश के विकास कार्यों का सफलता पूर्वक संचालन करने हेतु हमें ऐसे ही ईमानदार, कर्मठ और समर्पित नेता की जरूरत थी जो अपना सर्वस्व: प्रदेश हित में अर्पित करे। आपदा में अपनी संपूर्ण निधि प्रदेश को अर्पित करने वाले मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू एकमात्र नेता आजतक के इतिहास में हुए हैं।

भाजपा नेता केंद्र से हिमाचली हितों को लेकर पैकेज की गुहार करने की बजाय तिरंगा यात्रा पर निकले हैं, शौर्य गाथा के बहाने प्रदेश सरकार पर निशाने लगाए जा रहे हैं।

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