सुरभि न्यूज़ कुल्लू। मलाणा जल विद्युत परियोजना भवन में भूकंप के झटके महसूस किए गए और उसके तुरंत बाद भवन में आग लग गई। घटना का पता लगते ही एसडीएम विकास शुक्ला मौके पर पहुंचे और साथ ही राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल यानी एनडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची और लगभग ढाई घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आगजनी पर काबू पा लिया और भवन को किसी बड़े नुकसान से बचा लिया। प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार किसी भी प्रकार की जान व माल का नुकसान नहीं हुआ है। खबर बेशक चौकाने वाली है लेकिन वास्तव में ऐसा कुछ भी नहीं हुआ । पंजाब राज्य के बठिंडा से आए एनडीआरएफ की टीम द्वारा जिला आपदा प्रबंधन तथा जिला प्रशासन के तत्वाधान में आज उक्त परियोजना के भवन में भूकंप तथा आगजनी की स्थिति से निपटने के लिए एक मॉक ड्रिल की गई।
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मॉक ड्रिल के संबंध में एसडीएम विकास शुक्ला ने बताया कि जिला आपदा प्रबंधन द्वारा प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए समय-समय पर इस प्रकार की मॉक ड्रिल का आयोजन किया जाता है। मॉक ड्रिल का उद्देश्य आपदा प्रबंधन से जुड़े समस्त विभागों तथा आम जनमानस को प्राकृतिक आपदाओं के प्रति सचेत करना और उनसे किस प्रकार निपटा जाए इसके बारे में जागरूक करना है। उन्होंने कहा कोई भी आपदा प्राकृतिक हो या मानव सृजित कब, कहां पर आ जाएं, इसका अंदेशा सामान्य तौर पर किसी को भी नहीं होता है। इसलिए यह जरूरी है कि आपदा आने के बाद तुरंत से प्रभावी कदम उठाने के लिए क्या त्वरित प्रतिक्रिया की जाए ताकि नुकसान कम हो इसके लिए हर समय समस्त विभागों, हित धारको व आम जनमानस को तैयार रहना चाहिए।
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जिला आपदा प्रबंधन के समन्वयक प्रशांत ने बताया कि आज की मॉक ड्रिल समाज को एक बड़ा संदेश देने में सफल रही। मॉक ड्रिल के दौरान बिल्कुल उसी प्रकार से राहत व बचाव कार्यो को अंजाम दिया गया जो वास्तविक प्राकृतिक आपदा के दौरान किया जाता है। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक और मानव सृजित आपदाएं अनेक प्रकार की होती है और इन सब के बारे में आम जनमानस को जानकारी होना जरूरी है। जिला आपदा प्रबंधन का उद्देश्य भी यही है कि आपदाओं के दौरान नुकसान को कम करने व त्वरित राहत प्रदान करने के लिए संबंधित विभाग हर वक्त तत्पर रहें तथा अपने मशीनरी व श्रम शक्ति को सक्रिय रखें।
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मॉक ड्रिल मैं प्लांट प्रभारी टीके त्रेहन, सुरक्षा प्रभारी डॉ अशोक शर्मा, चिकित्सा अधिकारी डॉ दीपक टीकू, कंपनी कमांडर राजेश भंडारी, खंड चिकित्सा अधिकारी जरी डॉक्टर सपना, चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर अमन, एनडीआरएफ सातवीं बटालियन के इंस्पेक्टर हरि ओम सहित दो सब इंस्पेक्टर व क्षेत्रीय प्रतिक्रिया केंद्र मंडी से 24 जवानों ने मॉक ड्रिल में भाग लिया।