तीर्थन घाटी को स्पैशल इको टूरिज्म जॉन बनाने की जनप्रतिनिधिओं ने उठाई मांग

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सुरभि न्यूज़ (परस राम भारती)  गुशैनी।  जिला कुल्लू उपमंडल बंजार की तीर्थन घाटी के शाईरोपा में स्थानीय ग्राम पंचायतों के जनप्रतिनिधिओं और पर्यटन कारोबारियों के लिए एक विषेश बैठक का आयोजन किया गया। जिला कुल्लू के उपायुक्त आशुतोष गर्ग ने इस बैठक में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की है। इस मौके पर तीर्थन घाटी की विभिन्न ग्राम पंचायतों के जन प्रतिनिधियों, पर्यटन संघों और स्वैच्छिक संगठनो द्वारा संयुक्त रूप से तैयार विजन डॉक्यूमेंट उपायुक्त को सौंपा गया। तत्पश्चात इस पर चर्चा परिचर्चा हुई तथा पर्यटन विकास सहित कईअन्य मुद्दों पर चर्चा परिचर्चा हुई।

 

तीर्थन घाटी में टिकाऊ एवं जवाबदेह पर्यटन के लिए स्थानीय लोगों द्वारा सुझाए गए सभी सुझावों को उपायुक्त ने लोगों का बेहतरीन कदम बताया। लोगों द्वारा दिए गए सुझाब के मुताबिक लोगों ने वहा की पारिस्थितिकी के अनुरुप बड़ी बड़ी इमारतें बनाए जाने का विरोध जताया जिसमें लोगों ने दस कमरों से अधिक वावसायिक भवनों के निमार्ण पर प्रतिबन्ध लगाने और इमारत साढ़े तीन मंजिल से ऊंची ना हो, तथा किसी भी व्यवसाई को पानी के मूल स्त्रोत से पानी के कनैक्शन जोड़ने की अनुमति न हो। लोगों ने यह भी मांग रखी कि किसी भी व्यवसायिक यूनिट के निर्माण में स्थानीय मज़दूरों को कार्य के लिए प्राथमिकता देना अनिवार्य हो और इसके साथ ही बेहतर पर्यटन संचालन के लिए स्थानीय लोगों को समय समय पर शिक्षण परशिक्षण का प्रावधान किया जाए। कोई भी व्यवसायिक निमार्ण ग्राम पंचायतों की अनुमति के विना न हो और पंचायत द्वारा जारी किए गए अनापत्ति प्रमाण पत्र में दी गई सभी शर्तों का अनुपालन अनिवार्य हो। इसके अलावा पर्यावरण के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए भी स्थानीय लोगों द्वारा सुझाव रखे गए। इस बैठक में चर्चा के दौरान मनरेगा के तहत पर्यटन विकास से जुड़ी गतिविधियों को लेकर जिला परियोजना आधिकारी ने लोगों का मार्गदर्शन किया। उन्होने बताया कि पर्यटन विकास के लिए मनरेगा स्कीम में कई प्रवधान है जिसके लिए धन की कोई भी कमी नहीं है। नगर एवं ग्राम नियोजन प्राधिकरण के आधिकारिओं ने लोगों को टीसीपी अधिनियम के बारे में महत्पूर्ण जानकारियां साझा की है।

इस बैठक के दौरान उपायुक्त आशुतोष गर्ग ने लोगों द्वारा सुझाए सुझावों और प्रयासों की सराहना की है। उन्होने विभिन्न बिंदुओं पर कायदे कानूनों की जानकारी दी और कई परामर्श भी दिए। उन्होने लोगों को भरोसा दिलाया कि आगामी ग्राम सभा में इस दस्ताबेज पर प्रस्ताव पारित करने के उपरान्त मसौदा तैयार करके मंजूरी के लिए सरकार को भेजा जाएगा। उपायुक्त ने कहा कि स्पैशल इको टूरिज्म जॉन बनाने की यह नीति निश्चित तौर पर स्थानीय लोगों के लिए रोजगार प्रदायक और लाभकारी साबित होगी। इस अवसर पर उपमंडल अधिकारी बंजार हेम चंद वर्मा, जिला परियोजना अधिकारी, खंड विकास अधिकारी बंजार केहर सिंह ठाकुर, पंचायत समिति की अध्यक्षा लता देवी तथा क्षेत्र की ग्यारह ग्राम पंचायतों तूँग, शिल्ही, मशियार, शरची, कंडीधार, नोहांडा, पेखड़ी श्रीकोट, कलवारी, खाड़ागाड, तांदी, जमद, पलाहच के प्रधान उप प्रधान, पंचायत समिति सदस्य, स्वैच्छिक संगठन सहारा, बीटीसीए, तीर्थन टूरिज्म एसोसिएशन, हिमालयन इको टूरिज्म सोसाइटी के पदाधिकारी, समाजसेवी व अन्य गणमान्य व्यक्ति विशेष रुप से मौजूद रहे।

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