छोटाभंगाल में जहरीला घास खाने से भेड़पालक की 70 भेड़-बकरियां मरी

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सुरभि न्यूज़ (खुशी राम ठाकुर) बरोट। जिला कांगड़ा की छोटाभंगाल क्षेत्र में भेड़पालकों की भेड़-बकरियां किसी अज्ञात बीमारी के कारण बेमौत मरने का सिलसिला ज़ारी चला हुआ है। पोलिंग पंचायत के उपप्रधान छांगा राम ने बताया कि उनकी पंचायत के अन्दरली मलाह गाँव के भेड़पालक राजमल सपुत्र भिन्यांदू राम की गत लगभग एक सप्ताह से किसी अज्ञात बीमारी के कारण प्रतिदिन 10 से 12 भेड़ बकरियां बेमौत ही मर रही है। उन्होंने बताया कि भेड़ पालक राजमल सपुत्र भिन्यांदू राम अबतक इस अज्ञात बीमारी के कारण लगभग 70 भेड़-बकरियां मर चुकी है जिस कारण उनका लाखों रूपए का नुक्सान हो गया है। पीड़ित भेड़पालक राजमल ने बताया कि उनके पास लगभग पांच सौ भेड़-बकरियां है तथा गर्मीयों के सीजन में अपनी भेड़-बकरियां को चराने के लिए वे प्रतिवर्ष ही बड़ाभंगाल घाटी जैसे ऊंचे-ऊंचे स्थानों पर स्थित चारागाहों में ले जाते हैं और गर्मी का सीजन समाप्त होने के तुरंत बाद ही वे अपनी भेड़- बकरियों को चराने के लिए निचले गर्म इलाकों का रूख कर लेते हैं। इस बार बड़ाभंगाल घाटी के रास्ते के बीच से वापिस आती बार सरीजोत चारागाह पहुंचे तो उसी दिन से ही किसी अज्ञात बीमारी के कारण प्रतिदन 10  से 12 भेड़-बकरियों के मरने का सिलसिला ज़ारी हुआ है। इस घटना की सूचना उन्होंने पोलिंग पंचायत के उपप्रधान छांगा राम तथा पशुपालन विभाग को दी। सूचना मिलते ही पशुपालन विभाग की ओर से पशुचिकित्सालय लोहारडी के प्रभारी डाक्टर इंद्रजीत सोनी तथा उपप्रधान छांगा राम ने भी मौके पर जाकर भेड़-बकरियों के मरने का जायजा ले लिया है और पशु चिकित्सालय लोहारडी की टीम ने बीमार भेड़ों का उपचार शुरू कर दिया। उपचार के बाद बीमार पड़ी भेड-बकरियां बिल्कुल ठीक हो रही है। पशु चिकित्सालय लोहारडी के प्रभारी इन्द्रजीत सोनी ने बताया कि इन भेड़-बकरियों की किसी जहरीला घास खाने से भेड़-बकरियों का पेट फूलने के कारण मौत हो रही थी। पीड़ित भेड़पालक के हुए नुक्सान के मुआवजे के लिए उच्चाधिकारियों को रिपोर्ट प्रषित कर दी है तथा भेड़-बकरियों के मरने की सूचना उन्होंने पुलिस चौकी मुल्थान को भी लिखित रूप से दे दी है। पोलिंग पंचायत के उपप्रधान छांगा राम तथा लोआई पंचायत के उपप्रधान तिल ठाकुर ने पशु पालन विभाग तथा बैजनाथ के विधायक मुल्ख राज प्रेमी से मांग की है कि पीड़ित भेड़पालक राजमल को मरी हुई भेड़-बकरियों की भरपाई करने के लिए उचित मुआवाजा दिया जाए।

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