श्रीखंड यात्रा में श्रद्धालुओं के लिए देवदूत साबित हो रहे पुलिस. होम गार्ड्स के जवान व रेस्क्यू टीम के सदस्य

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सुरभि न्यूज़ आनी

सी आर शर्मा

समुद्रतल से 18570 फुट की ऊंचाई पर स्थित उतरी भारत की सबसे कठिनतम धार्मिक यात्रा श्रीखण्ड कैलाश .इस वर्ष प्रशासन की देखरेख में 11 जुलाई से शुरू हुई है. जो 24 जुलाई तक चलेगी। इस धार्मिक यात्रा में अब तक करीब 5 हजार श्रद्धालू  72 फुट ऊंचे श्रीखंड महादेव के दर्शन कर चुके हैं।यात्रा में मौसम की प्रतिकूलता और कठिन परिस्थितियों के बाबजूद भी कैलाश पर बसे बाबा बर्फानी के दर्शनों को भक्तों का उत्साह कम नहीं दिख रहा।बता दें करीब 32 किमी लम्बी इस धार्मिक यात्रा में भक्तों को कठिन मार्ग के साथ क़ई ग्लेशियर को पार करना पड़ता है और नयन सरोवर से आगे आक्सीजन की कमी और  क़ई जड़ी बूटियों की तीखी महक की वेदना से गुजरना पड़ता है।इस कठिन यात्रा में श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े.इसके लिए प्रशासन ने बेसकैंप सिंहगाड अलावा अंतिम अंतिम पड़ाव पार्वती बाग तक चिकित्सा शिविर.पुलिस सहायता कक्ष.राजस्व दल तथा रेस्क्यू टीम तैनात की है और इस सब की देखरेख के लिए सेक्टर मैजिस्ट्रेट भी लगाए हैं।यात्रा के दौरान पिछले दिनों भारी वारिश के चलते भीम डबार के पास अचानक पहाड़ी से मलबा आने से यहां ग्लेशियर व आगे के मार्ग को पार करना मुश्किल हो गया था.ऐसे में यहां तैनात पुलिस व होम जबान गार्ड्स के जवानों व रेस्क्यू टीम के सदस्यों ने अपनी जान को जोखिम में डालकर श्रद्धालुओं को हाथ पकड़कर रास्ता पार कराया और क़ई बुजुर्ग व असहाय तथा शारीरिक रूप से अस्वस्थ श्रद्धालुओं को अपनी पीठ में उठाकर बेसकैंप कैम्प तक पहुंचाया।श्रद्धालुओं ने बताया कि इस कठिन धार्मिक यात्रा में पुलिस.होम गार्ड्स के जबान व रेस्क्यू टीम के युवा उनके लिए देवदूत बनकर आये ।उनका कहना है यह यात्रा भले ही बेहद कठिन है .लेकिन जो भक्त सच्ची श्रद्धा से यात्रा करते हैं.उन्हें भोले बाबा अवश्य दर्शन देते हैं और विकट परिस्थिति में भगवान पुलिस .होम गार्ड्स व रेस्क्यू टीम के सदस्यों को फरिश्ते के रूप में भेजकर भक्तों की सहायता करते हैं।

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