चौहार घाटी तथा छोटाभंगाल के अनछुए पर्यटक स्थलों को विकसित करने है जरुरत

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सुरभि न्यूज़ 

खुशी राम ठाकुर , बरोट।

चौहार घाटी तथा साथ लगती छोटाभंगाल में ऐसे कई अनछुए पर्यटक स्थल है जहां पर्यटन की आपार संभावनाएं है।  ऐसे खूबसूरत स्थानों को चौहार तथा छोटा भंगाल घाटी को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने के लिए सरकार की नज़र–ए–इनायत की सख्त जरूरत है।

उल्लेखनीय है कि चौहार घाटी के विश्व प्रसिद्द पर्यटन स्थल बरोट के अलावा जलाण, थनौट, हेडगियर, सरारा डुग, देवीदड़, टिक्कागढ़, सूरज गढ़, सारंग तथा कुफरी बेहद रमणीक स्थल है वहीं छोटाभंगाल के लोहारडी, लोलर, प्लाचक, पनिहारटू, घोड़ लेटणू, फुतकी गढ़, चनेई रा पधर, राजगुन्धा डेहनसर आदि रमणीक व अनछुए पर्यटन स्थल है जहाँ पर्यटन की अपार संभावनाएं।

इन रमणीक स्यथलों में देश -विदेश के  पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करने में कोई भी कसर नहीं छोड़ेंगे। सरकार इन अनछुए पर्यटन स्थलों को अगर पर्यटन के लिहाज़ से विकसित करे तो पर्यटन बढ़ने से भारी मात्रा में राजस्व की प्राप्ती होगी वहीं दोनों क्षेत्र के सैंकडों बेरोजगार युवाओं को रोज़गार मिलेगा।

चौहार घाटी बरोट पंचायत के पूर्व प्रधान सुभाष ठाकुर, छोटा भंगाल के धरमाण पंचायत के पूर्व प्रधान संजय ठाकुर, पर्यटन व्यवसाय से जुड़े राजमल, हरि सिंह, राम सिंह, हीरा लाल, अमी चंद तथा कमलेश नेगी का कहना है कि ट्रेकरों के लिए यह अनछुए पर्यटन स्थल बहुत ही  रोमांचकारी साबित हो सकते है। ट्रेकिंग के शौक़ीन पर्यटकों के लिए जोगिन्द्र नगर, चौंतड़ा,  विल्लिंग से बड़ा भंगाल तक तथा  छोटाभंगाल- चौहार घाटी हो कर जिला कुल्लू तक बहुत रोमांचकारी सफ़र है। फिल्न्म की सूटिंग के लिए भी बहुत खुबसूरत जगह इस क्षेत्र में है।

दोनों  क्षेत्र के इन पर्यटन स्थलों को सरकार पर्यटन की दृष्टि से विकसित करे तो इन क्षेत्रों में पर्यटन व्यवसाय की अपार संभावनाएं है जिससे राजस्व केके साथ-साथ रोजगार के द्वार भी खुलेंगे।

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