सुरभि न्यूज ब्यूरो
कुल्लू, 27 मई
ऐक्टिव मोनाल कल्चरल ऐसोसिएशन द्वारा कुल्लू के चार सरकारी स्कूलों में निशुःल्क आयोजित की गई नाट्य कार्यशालाओं से पनपे चार लघु नाटकों का एक बाल नाट्योत्सव आयोजित किया। राजकीय वरिश्ठ माध्यमिक पाठशाला भून्तर में आयोजित इस नाट्योत्सव में पहले पहल पांचवीे का छात्रा दृष्टि ने अपनी कविता ‘मेरे राम’ का भावपूर्ण पाठ किया। उसके बाद राजकीय उच्च पाठशाला भुलन्ग के छात्रों ने जीवानन्द के निर्देश़्ान में देश में फैले भ्रष्टाचार पर व्यंग्य कसते हुए नाटक ‘यह क्या हो रहा है’ से दर्शकों को खूब हंसाया।
उसके बाद राजकीय प्राथमिक व माध्यमिक पाठशाला गांधीनगर के बच्चों ने मीनाक्षी के निर्देशन में नाटक ‘नादान भक्त’ प्रस्तुत कर दर्शकों की तालियां बटोरी। नाटक में यह दिखाया गया कि केवल पूजा पाठ या धर्म कर्म का कार्य करने वाले के ही प्रभु नहीं होते बल्कि उनको भी बहुत प्रेम करते हैं जो अपना काम पूरी लगन से करते हों चाहे वे प्रभु का नाम भजें या न भजें, बशर्ते काम ईमानदारी से होना चाहिए।
तीसरा नाटक राजकीय माध्यमिक पाठशाला शमशी के बच्चों ने ‘काक भगोड़ा’ प्रस्तुत कर दर्शकों का खूब मनोरंजन किया। परमानन्द के निर्दशन में इस नाटक में दिखाया गया कि जीने के लिए हर वक्त नऐ रास्ते खोजने के लिए तैयार रहना चाहिए। इस नाटक में लोक वस्त्राभूषणों का बहुत ही खूबसूरती से प्रयोग किया गया था और साथ ही लोक गीतों व लोक नृत्यों का संयोजन भी बखूबी किया गया था।
चैथा और अन्तिम नाटक ‘ठाकुर का कुआं’ राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला भुन्तर के छात्रों ने रेवत राम विक्की के
निर्देशन में प्रस्तुत किया। नाटक मुशी प्रेम चन्द की इसी नाम की विष्व प्रसिद्ध कहानी पर आधारित था जिसे बच्चों ने बहुत ही भावपूर्ण तरीके से प्रस्तुत किया। जब अनुसूचित जाति की गंगी अपने बीमार पति के लिए साफ पानी ठाकुर के कुएं से चोर कर नहीं ला पाती क्योंकि वह वहां से पकड़े जाने के डर से चोर कर भरे हुए पानी का बर्तन छोड़ कर आती है और घर पहुंचते ही देखती है उसका बीमार पति जोखू गंदा पानी ही नाक बन्द करके पी रहा है तो दर्शकों की आंखें नम
हो गई। जाति पाति की खाई को दिखाता यह नाटक गहरे असर कर गया।
नाट्योत्सव निर्देशक केहर सिंह ठाकुर ने कहा कि इस नाट्योत्सव में पूरे उत्साह से 153 बाल कलाकारों ने भाग लिया और अच्छी खासी संख्या में दर्शकों ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई।