सुरभि न्यूज़ कुल्लू। कार्निवाल में हो रही नाट्य प्रस्तुतियों में पांचवीं प्रस्तुति में कुल्लू के नांगाबाग से सम्बन्ध रखने वाले स्वतंत्रता सेनानी नाथू राम पर आधारित नाटक नाथू राम शेर दिल का भावपूर्ण मंचन हुआ।
उभरते रंग निर्देशक रेवत राम विक्की के निर्देशन में भुन्तर की नाट्यश्रेश्ठ संस्था ने इसे प्रस्तुत किया। आयोजन की अव्यवस्थताओं के बावजूद और नाटक के बीच में ही बिजली का कट लगना भी कलाकारों के हौसले को डिगा नहीं पाया। इस सब के बीच सीटी मार और हूटिंग करने वाली दर्शक बिरादरी जो सिर्फ हॉल में नाचने के लिए और मज़े करने के लिए आते हैं उनसे भी कलाकारों ने देशभक्ति का जज़्बा भर दिया और संवादों की अदायगी कुछ ऐसी की कि दर्शक दीर्धा सीटी मारना भूल कर भारत माता की जय और बन्दे मातरम के बोल बोलने लगी।
यह नाटक उनके स्वतंत्रता संग्राम में दिए गए नाथू राम के योगदान और बलिदान की कहानी को कहता है। नाथू राम के माँ बाप उनके बचपन में ही मर गए थे। फिर वह अपने मामा के घर सरसेई दशाल में रहने लगे थे और वहीं से युवा अवस्था में ही लाहौर चले गए और युवा कांग्रेस से जाकर जुड़ गए। वहाँ उन्होंने बहुत से आंदोलनों में हिस्सा लिया और एक ऐसा साहसी कार्य भी किए जिससे उनका नाम नाथू राम से नाथूराम शेरदिल पड़ा। उन्होंने लाहौर के ज़िला मुख्यालय से युनियन का झंडा उतारकर वहाँ तिरंगा लहराया और इसके लिए उन्हें अंग्रेज़ी सरकार ने कठोर कारावास की सज़ा दी। नाटक में नाथू राम शेरदिल के स्वतंत्रता संग्राम की कहानी के साथ साथ देश के अन्य बड़े आंदोलनों कैसे भाग लियाऔर क्रांतिकारियों के साथ मिलकर किस तरह आजादी दिलाई।
नाटक में मंच पर सूरज कुमार, परमानंद, शीनम, पायल, तन्वी, पल्लवी, रितिका, रूकमणी, पूजा, हंस राज व रेवत राम विक्की ने अपनी अपनी भूमिकाओं से दर्शकों को प्रभावित किया। मंच पार्ष्व में प्रकाश संचालन मीनाक्षी ने, पार्ष्व ध्वनि संचालन विनय ने और दिनेश और देस राज ने सेट आदि कार्यों में सहयोग दिया।