किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल की जान बचाने तथा लुक्सर जेल में बंद किसानों को रिहा करने राष्ट्रपति को भेजा ज्ञापन 

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सुरभि न्यूज़ ब्यूरो

जोगिन्दरनगर/मंडी

किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल की जान बचाने, दिल्ली कूच कर रहे किसानों पर दमन बंद करने, नोएडा- ग्रेटर नोएडा के सभी किसानों को लुक्सर जेल से रिहा करने व संघर्ष कर रहे सभी किसान संगठनों से तत्काल चर्चा करने की मांग पर संयुक्त किसान मोर्चा के आहवान पर हिमाचल किसान सभा की जोगिंदर नगर कमेटी ने आज चौंतड़ा में जोरदार प्रदर्शन किया। साथ ही केंद्र सरकार की कृषि विपणन पर नई राष्ट्रीय नीति के मसौदे की कॉपी जलाई। इस अवसर पर बाजार में जलूस निकालते हुए बीडीओ के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा।

जलूस का नेतृत्व किसान सभा के राज्य उपाध्यक्ष एवं संयुक्त किसान मोर्चा के जिला संयोजक कुशाल भारद्वाज तथा ब्लॉक कमेटी के अध्यक्ष रविंदर कुमार ने किया। हल्की बारिश के बीच इसमें बड़ी संख्या में किसानों के साथ माकपा कार्यकर्ताओं ने भी हिस्सा लिया।

इस अवसर पर संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से कुशाल भारद्वाज ने कहा कि हम एनडीए-3 के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के लोकतांत्रिक सिद्धांतों का पालन न करने का कड़ा विरोध करते हैं। उन सभी किसान संगठनों और मंचों से, जो वास्तविक मांगों के लिए संघर्ष कर रहे हैं के साथ वार्ता करने की मांग करते हैं। कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी सरकार से किसानों के साथ विचार-विमर्श करने के लिए कहा है। उन्होंने राष्ट्रपति से मांग की कि केंद्र सरकार को किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल की जान बचाने, दिल्ली कूच कर रहे किसानों पर दमन और आंसू गैस के गोले दागने को रोकने, गत दिनों से गौतम बुद्ध नगर की लुक्सर जेल में बंद सभी किसानों को रिहा करने व उन पर हत्या के प्रयास सहित झूठे लगाए गए मामलों को वापस लेने का निर्देश दें।

इसके साथ ही साजिश के लिए जिम्मेदार पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह और अन्य अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के भी निर्देश दें। साथ ही संघर्ष कर रहे सभी किसान संगठनों के साथ तुरंत चर्चा करने और एमएसपी, ऋण माफी, बिजली के निजीकरण और एलएआरआर अधिनियम 2013 के कार्यान्वयन पर किसानों की लंबे समय से लंबित वास्तविक मांगों को स्वीकार करने का निर्देश दें।

कुशाल भारद्वाज ने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संघर्ष कर रहे किसान संगठनों के साथ चर्चा करने के लिए तैयार नहीं हैं। इसके बजाय, पंजाब के शंभू और खनूरी सीमाओं और उत्तर प्रदेश के नोएडा-ग्रेटर नोएडा में किसानों के संघर्ष को आंसू गैस के गोले, रबर की गोलियां, पानी की बौछारों का इस्तेमाल करके और शांतिपूर्ण प्रदर्शन और धरना करने के लिए सैकड़ों किसानों को जेल में डालकर क्रूरता से दबाने के लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।

गौतम बुद्ध नगर में एफआईआर संख्या 0538 दिनांक 04 दिसंबर 2024 से पता चलता है कि पुलिस कमिश्नरेट ने 112 किसानों को एक पुलिस सब इंस्पेक्टर राजीव कुमार की हत्या के प्रयास और मेट्रो ट्रेन रोकने के लिए भारतीय नागरिक न्याय संहिता की धारा 109 के झूठे आरोपों में फंसाया है, जो निराधार हैं। किसान पिछले 21 दिनों से जेल में बन्द हैं।

उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि भारत सरकार के मुखिया के रूप में आप इस देश के किसानों द्वारा इस ज्ञापन में उठाई गई वास्तविक मांगों पर गंभीरता से ध्यान देंगी और उन पर पर्याप्त व तत्काल कार्रवाई सुनिश्चित करेंगीं।

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