सुरभि न्यूज़ ब्यूरो
कुल्लू
आज़ादी के अमृत महोत्सव पर उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र पटियाला, भाषा एवं संस्कृति विभाग, कुल्लू हिमाचल प्रदेश व ऐक्टिव मोनाल कल्चरल ऐसोसिएशन कुल्लू द्वारा संस्कार भारती हिमाचल प्रान्त के संयुक्त तत्वावधान में कलाकेन्द्र कुल्लू में आयोजित स्वतंत्रता सेनानियों पर आधारित चार दिवसीय नाट्योत्सव ‘रंग आज़ादी’ का आग़ाज़ कुल्लू के पहले स्वतन्त्रता सेनानी प्रताप सिंह पर आधारित नाटक ‘कंवर प्रताप सिंह’ के भावपूर्ण मंचन से हुआ। दृश्टि ग्रुप पालमपुर के कलाकारों द्वारा प्रस्तुत इस नाटक को केहर सिंह ठाकुर द्वारा लिखा तथा मीनाक्षी धीमान द्वारा निर्देशित किया गया था।
यह नाटक कुल्लू सिराज के युवराज प्रताप सिंह के स्वतंत्रता संग्राम के संघर्ष को दर्शाता है। कंवर प्रताप सिंह ने राज परिवार का होते हुए भी अपने हक की लड़ाई और सच की लड़ाई के लिए आम जनमानस को एकत्रित कर अंग्रज़ी राज के खिलाफ बिगुल बजाया। उसने कुल्लू क्षेत्र की जनता को अंग्रज़ों को कर देने से मना कर दिया और उन्हें उनके खिलाफ अपने हक लिए लड़ने के लिए तैयार किया। साथ ही साथ प्रताप सिंह ने कुल्लू, लाहौल तथा बीड़ भंगाल की रियासतों के नेगी, नम्बरदारों और गांवों के मुखियों को भी इस आंदोलन के लिए तैयार किया। अपने गुप्तचरों के माध्यम से आसपास की रियासतों से पत्राचार कर उन्हें तैयार किया।
लेकिन किसी कारण उनका एक गुप्तचर पकड़ा गया और सामुहिक विद्रोह नहीं हो पाया और अंग्रेज़ों ने प्रताप सिंह को उनके कुछ साथियों के साथ पकड़ कर मुकद्मा चला कर 3 अगस्त 1857 को धर्मशाला के खुले मैदान में प्रताप सिंह और उनके साले वीर सिंह को फांसी के फंदे पर लटका दिया। नाटक में वैभव ठाकुर, श्याम लाल, सूरज, पूजा, लक्ष्मी, सपना, अनामिका, अंकित, देस राज, खेम राज आदि कलाकारों ने अपने अभिनय का लोहा मनवाया।
इस अवसर पर कुल्लू की वयोवृद्व लोक गायिका सरला चम्बियाल तथा ज़िला लोक सम्पर्क अधिकारी कुल्लू नरेन्द्र कुमार विषेश रूप से उपस्थित रहे।