ग्रामीण क्षेत्रों में विकासात्मक कार्यों तथा लोगों की आर्थिकी को सुदृढ़ करने के लिए  जाईका परियोजना के तहत व्यय होंगे 800 करोड़ः गोविंद सिंह ठाकुर

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सुरभि न्यूज़ कुल्लू। वन वृत्त कुल्लू द्वारा वन पारिस्थितकी तंत्र प्रबंधन और आजीविका सुधार परियोजना (जाईका वित्तपोषित) के तत्वावधान में आज नेचर पार्क बबेली में कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें शिक्षा, भाषा, कला एवं संस्कृति मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की। उन्होंने बताया कि जाईका परियोजना के तहत वर्ष 2028 तक  ग्रामीण क्षेत्र में विकासात्मक कार्यों तथा लोगों की आर्थिकी को सुदृढ़ करने के लिए 800 करोड़ रूपए व्यय किए जाएंगे। परियोजना का मुख्य उददेश्य जंगलों के घनत्व को बढ़ाना तथा बेहतर प्रबंधन कर लोगों को आजीविका के साधन उपलब्ध करवाना है। उन्होंने कहा कि इस परियोजना को लेकर 29 मार्च  2018 को जापान के टोक्यों में भारत सरकार की ओर से पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे। इस परियोजना के तहत 800 करोड़ रूपए का व्यय करने का प्रावधान किया गया है जिसमें से 80 प्रतिशत राशि जापान सरकार द्वारा तथा 20 प्रतिशत प्रदेश सरकार द्वारा योगदान किया जाएगा।उन्होंने कहा कि परियोजना के तहत ग्रामीण विकास वन समितियों के माध्यम से वन विभाग द्वारा जाईका के माध्यम से जिला  में लोगों को अधिक से अधिक पौधारोपण, वनों की देखभाल, प्रबंधन व वनों पर आधारित उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए प्रेरित एवं प्रोत्साहित किया जा रहा है ताकि वह इसे स्वरोजगार के रूप में अपनाकर अपनी आर्थिक स्थिति को बेहतर बना सकें । उन्होंने बताया कि कुल्लू वन मंडल के तहत 7 वन विकास समितियां बनाई गई है तथा आजीविका सुधार के अंतर्गत हर ग्रामीण वन विकस समिति के तहत दो-2 स्वयं सहायता समूह बनाए गए हैं।  शिक्षा मंत्री ने इस अवसर पर वीएफडीएस सरली के अंतर्गत लक्ष्मी स्वयं सहायता समूह सरली को हथकरघा गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए जाईका परियोजना की ओर से 4 खडिडयां तथा सरली के ही जागृति स्वयं सहायता समूह को सिलाई तथा हथकरघा गतिविधियों के लिए 8 सिलाई मशीनें, 3 पैडल स्टैंड, 6 प्रेस तथा 10 सिलाई किटें निःशुल्क वितरित कीं। इसी प्रकार वीडीएफएस कटराईं-1 के तहत स्वयं सहायता समूह पालदेन लामो को कटिंग तथा टेलरिंग गतिविधियों के लिए 2 पैडल सिलाई मशीनें, 1 मल्टीपर्पज सिलाई मशीन, 1 इंटरलाॅकिंग मशीन, 1 प्रेस, 2 कैंचियां तथा 2 सिलाई किटें प्रदान की। उन्होंने इस अवसर पर स्वयं सहायता समूह जगरनाथी जिसने अभी दो माह पूर्व ही हथकरघा गतिविधियों को शुरू किया है, के द्वारा तैयार किए गए उत्पादों शाॅल, टोपी तथा जैकेटस की लाॅचिंग भी की। उन्होंने दन उत्पादों की सराहना करते हुए अन्य स्वयं सहायता समूहों को भी ऐसे उत्पाद तैयार करने के लिए आगे आने को कहा। उन्होंने कहा कि कोराना से बचाव को लेकर पहली मई से 18 वर्ष से 44 वर्ष तक की आयु के लोगों के लिए वैक्सीनेशन अभियान चलाया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि कोरोना से बचाव को लेकर लोग वैक्सीनेशन के लिए स्वेच्छा से आगे आएं तथा अपने परिवार, गांव तथा रिश्तेदारों को भी कोरोना वैकसीनेशन के लिए प्रेरित एवं प्रोत्साहित करें। उन्होंने कहा कि कोरेाना की दूसरी लहर का संक्रमण तेजी से फैल रहा है इसलिए लोग अधिक भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर न जाएं, यदि मजबूरीवश जाना ही पड़े तो मास्क का प्रयोंग करें, सामाजिक दूरी बनाए रखें, अपने हाथों को सावुन के साथ अच्छी तरह धोएं, सेनेटाईजर का प्रयोग करें। ऐसा कर आप स्वयं तथा अन्य लोगों का कोरोना के संक्रमण से बचाव कर सकते हैं।  इससे पहले सीसीएफ अनिल शर्मा ने मुख्यातिथि का स्वागत किया तथा उन्हें शाॅल टोपी भेंट कर सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि कुल्लू वन मंडल के तहत 48 ग्रामीण विकास वन समितियां बनाई गई हैं तथा इस वर्ष 30 और समितियां वनाई जाएंगी। इनका मुख्य उददेश्य लोगों को आजीविका के साधन उपलब्ध करवाकर उनकी सामाजिक तथा आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाना है। ग्रामीण स्तर पर लोगों के साथ बैठकों का आयोजन कर ग्रामीण विकास व लोगों के उत्थान के लिए योजनाएं तैयार करने को अंतिम रूप दिया जा रहा है। फौजल वैली के नेरी में में भी जड़ी-बूटी सैल का गठन किया गया है तथा इसके तहत लोगों को आजीविका संवर्धन के लिए जड़ी-बूटी आधारित ईकाईयों की स्थापना करने के लिए प्रेरित किया जाएगा।  हिमाचल प्रदेश जाईका वानिकी परियोजना निदेशक मीरा शर्मा ने भी परियोजना के तहतत चलाई जा रही गतिविधियों की विस्तार से जानकारी प्रदान की तथा अधिक से अधिक लोगों से परियोजना के तहत लाभ योजनाओं का लाभ उठाने का आहवान किया। उन्होंने कहा कि यह परियोजना 6 जिलों में कार्य कर रही है। पहले वैच में वीडीएफएस समितियां बनाई गई हैं। सामाजिक व आर्थिक रूप से पिछड़े परिवारों जो जंगलों पर पिर्भर हैं, उन्हें इंटरकलोनिंग की जा रही है। इसके अतिरिक्त वाईल्ड लाईफ सैंचुरी एरिया में भी वीडीएफएस बनाकर उन्हें स्वरोजगार प्रदान करने को प्लान बनया जा रहा है। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति तथा महिलाओं के लिए परियोजना के अंतर्गत आईटीआई के माध्यम से इलैक्ट्रिशियन, कंप्यूटर तथा प्लंबरिंग में प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए 75 प्रतिशत की राशि प्रदान की जा रही है। इस अवसर पर प्रदेश महिला आयोग की सदस्य मंजरी नेगी, आईडीपी परियोजना निदेशक एचएस कौल, भाजपा महामंत्री अखिलेश कपूर, अरविंद, हीरा लाल, युवराज बोध, बबेली के प्रधान, बसतोरी के प्रधान नारायण सिंह, वन मंडलाधिकारी एंजल चैहान, विभिन्न पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधी तथा अन्य गणमान्य लोग भी उपस्थित थे।