सुरभि न्यूज़ बरोट
खुशी राम ठाकुर
चौहार घाटी की तरस्वाण पंचायत के गढ़गाँव में स्थित घुघातोषनी गढ़वाली माता के प्रति घाटी के पांच गढ़ देवगढ़, हस्तगढ़, कूटगढ़, गुम्माठाना तथा अमरगढ़ के समस्त लोगों की अटूट आस्था का केन्द्र बना हुआ है। वर्षा व हवा माता के नाम से जानी जाने वाली माता घुघुतोषण का मूलस्थल सक्समीर नामक ऊंचे व सुरक्षित स्थान पर विराज़मान है। वहां पर भी स्थानीय व दूरदराज क्षेत्र के भारी मात्रा में लोग माता के दर्शन के लिए आते है। माता सभी लोगों की मनोकामनाएं पूर्ण कर देती है जिसके चलते इन गढों के लोगों ने गत कई वर्षों से तरस्वाण पंचायत के गढ़ गाँव में माता का मंदिर स्थापित कर रखा है। इन पांच गढों के साथ रामखलग, गोहिव, उदयपुर, भूभू जोत, फूंगणी धार व डैह्नासर की चारागाह धाराएं इस माता के अधीन आती है। इन चरागाहों में चौहार घाटी, छोटाभंगाल तथा जिला कुल्लू की लगवैली के पशुपालक अपने फालतू पालतू पशुओं को बरसात के मौसम में चरने के लिए छोड़ देते हैं। यह बेसहारा पशु भारी बरसात व सर्दी के मौसम के दौरान प्रचंड ठण्ड के कारण बेमौत मर भी जाते हैं जिस कारण माता घुघूतोषनी के आस पास जंगलों में बेमौत मरे पशोओं से गन्दगी के चलते अपवित्र भी हो जाती है जिसे यह माता कतई भी सहन नहीं करती है। जिसका खामियाजा इन पांच गढ़ वासियों को भुगतना पड़ता है। मंदिर कमेटी के प्रधान राम देव ने जानकारी देते हुए बताया कि गत दिनों मंदिर कमेटी के सदस्य, माता के गुर, पुजारी, कडू, सेवक, सचिव, कठियाला, वूतू तथा स्थानीय लोगों ने लगभग बारह दिन मंदिर परिसर से लेकर इन सभी चरागाह धाराओं के बीच जाकर जान जोखिम में डालकर मरे हुए पशुओं की हड्डियों व अन्य गंदगियों को उठाकर गहरे गड्डे में डालकर मिटटी में दबा दिया। उसके बाद मंदिर में हवन करवाकर मंदिर को पवित्र किया। माता घुघूतोषण के गुर वीना राम, पुजारी हाछू राम, कडू राम, लाल सिंह, शेर सिंह, मेड राम सकलानी तथा मंदिर कमेटी के प्रधान राम देव ने चौहार घाटी, लगवैली तथा छोटा भंगाल के समस्त लोगों को सूचित किया है कि आज के बाद माता की इन
पवित्र धाराओं में अपने पशुओं को आवारा न छोड़े। अगर पशुओं को चरागाहों में चारे के लिए छोड़ने है तो अपने पालतू पशुओं को समय रहते अपने घर वापिस पहंचा दें। उन्होंने लोगों को सख्ती से आगाह किया है कि आज के बाद इन चरागाह धाराओ में पशुओं को आवारा छोड़ते हुए पकडे गए तो मंदिर कमेटी की ओर से दस हज़ार रूपए तक जुर्माना बसूला जाएगा। उन्होंने बताया कि सक्समीर तथा रालखल नामक धाराओं में लगभग डेढ़ सौ तक पालतू पशु आवारा चर रहे हैं उन्होंने लोगों को निर्देश दिए कि समय रहते इन पशुओं को ही अपने घर वापिस ले जाएँ अन्यथा सख्त कार्यवाही कि जाएगी।