जिला दंडाधिकारी आशुतोष गर्ग की ओर से ये आदेश जारी किए गए हैं। 16 अगस्त से ये आदेश जिले भर में लागू माने जाएंगे और आगामी दो माह तक ये प्रभावी रहेगे। यदि कोई व्यक्ति इन आदेशों को नहीं मानता है तो उस पर भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के तहत कार्रवाई की जाएगी।
इस संबंध में जिला दंडाधिकारी आशुतोष गर्ग ने कहा कि पुलिस की छानबीन में पाया गया है कि प्रवासी मजदूरों में से कुछ लोग आपराधिक मामलों में लिप्त पाए जाते हैं लेकिन उनकी कोई पहचान न होने के कारण ऐसे मामलों को सुलझाना संभव नहीं होता। इसलिए सभी प्रवासियों को अपने नजदीकी पुलिस स्टेशन में अपनी पहचान देना अति आवश्यक है।
जिला में प्रवासी मजदूरों को किसी भी प्रकार के रोजगार में शामिल होने से पहले पुलिस को अपनी पहचान देनी होगी। इस संबंध में मजदूर को अपना विवरण और पासपोर्ट साइज फोटो पुलिस के पास जमा करने होंगे।
जिला में कोई भी ठेकेदार नियोक्ता या व्यवसायी किसी भी प्रवासी मजदूर को रोजगार देने से पहले इन नियमों का मानना अनिवार्य होगा।
उपरोक्त मजदूर जिला में भी यदि किसी प्रकार के स्वरोजगार या छोटे मोटे काम धंधे में यदि शामिल होते हैं तो उन्हें भी जिला प्रशासन की ये शर्त माननी होगी।
जहां मजदूर काम धंधे में शामिल होगा उस क्षेत्र के एसएचओ के समक्ष ये विवरण देना होगा। ऐसा न करने पर नियमानुसार कार्रवाई भी की जाएगी।