कुल्लू के शल्य चिकित्सक डॉक्टर संतुष्ट कुमार ने एक ही दिन में  3 महिलाओं के घुटने बदलने के किए सफल ऑपरेशन 

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सुरभि न्यूज़ ब्यूरो
कुल्लू, 7 जुलाई
कुल्लू जिला क्षेत्रीय अस्पताल में कार्यरत जाने-माने आर्थोपेडिक शल्य चिकित्सक डॉक्टर संतुष्ट कुमार शर्मा ने एक ही दिन में 3 महिलाओं के संपूर्ण घुटने बदलने के सफल ऑपरेशन को अंजाम दिया है। इस युवा सर्जन ने इससे पूर्व भी क्षेत्रीय अस्पताल  में घुटने बदलने के सफल ऑपरेशन किए हैं। इस बार एक दिन में ही 3 बड़ी आयु की महिलाओं के घुटनों को बदलने के करिश्माई कारनामे को अंजाम देकर जिला अस्पताल में एक रिकॉर्ड स्थापित किया है। संभवत प्रदेश के किसी जिला अस्पताल में पहली बार ऐसी तीन सफल सर्जरीज को अंजाम दिया गया है।
गौरतलब है कि क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू में लगभग 4 जिलों कुल्लू, मंडी, लाहौल स्पीति व चंबा के पांगी के मरीज उपचार के लिए आते हैं। डॉक्टर संतुष्ट ने जिन तीन महिलाओं के घुटनों को पूरी तरह से बदल कर उन्हें एक नई जिंदगी प्रदान की है उनमें मनाली के वशिष्ठ की 60 वर्षीय बेसरू देवी, पीज कुल्लू की 60 वर्षीय रामी देवी  तथा मंडी जिला के बालू औट की 75 वर्षीय पार्वती शामिल हैं।
संध्या प्रक्रिया के दौरान एनेस्थीसिया डॉ. निशिता ने दिया। तीनों महिलाओं ने वाकर के साथ तीसरे ही दिन चलना फिरना शुरु कर दिया है और वह ऑपरेशन को एक करिश्मा बताते हुए युवा डॉक्टर का आभार व्यक्त करते नहीं थक रही है।
महिलाओं का कहना है कि वे पिछले लंबे अरसे से घुटनों की दर्द से परेशान थी और बड़ी आयु होने के कारण घुटने ठीक होने की उम्मीद खो चुकी थी। महिलाओं ने क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू में घुटनों के सफल ऑपरेशन के बारे में सुना और अपने उपचार के लिए अस्पताल में दाखिल हो गई।
महिलाएं लंबे समय की इस दर्द से निजात पाकर अपने आपको धन्य समझ रही हैं। महिलाओं का कहना है कि वह दूसरे लोगों को भी घुटना दर्द से निजात पाने के लिए इस प्रकार का ऑपरेशन करवाने के लिए प्रेरित करेंगी।
उधर डॉक्टर संतुष्ट बताते हैं कि घुटनों का दर्द बढ़ती उम्र के साथ बहुत सारे लोगों को परेशानी का सबब बनता जा रहा है। लेकिन आज के दौर में विज्ञान ने इतनी तरक्की कर ली है कि घुटने को पूरी तरह बदल कर इस समस्या से निजात पाई जा सकती है।
उन्होंने कहा किसी भी बीमारी का यदि समय पर उपचार किया जाए तो वो कभी नासूर नहीं बनती। डॉक्टर संतुष्ट का कहना है कि  वह लग्न और दिल से शल्य चिकित्सा करने में विश्वास रखते हैं और यह कारण है कि उनके द्वारा किए गए इस प्रकार के सभी ऑपरेशन सौ फ़ीसदी कामयाब रहे हैं। उन्होंने कहा कि शल्य चिकित्सा के क्षेत्र में उनकी मेहनत और लगन के चलते वह भविष्य में और बेहतर कर पाएंगे।

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