सुरभि न्यूज़
खुशी राम ठाकुर, बरोट
चौहार घाटी की बरोट पंचायत के अंतर्गत आने वाले देवादि देव पशाकोट के शिल्हाडेहरा मंदिर के मुख्य पुजारी 80 वर्षीय तोलू राम का गत शाम को निधन हो गया। इसकी सूचना मिलते ही बरोट पंचायत सहित समूची चौहार घाटी तथा छोटाभंगाल में पूरी तरह मातम छा गया है। प्राप्त जानाकारी के अनुसार तोलू राम कुछ समय से अस्वस्थ चल रहे थे। तोलू राम बचपन से विधुर व बहरे थे जिस कारण वे स्वयं भी इशारों से बात करते थे कभी उन के मुख से अप -अ़प तथा थपथप के शब्द निकल जाते थे। चौहार घाटी तथा छोटाभंगाल में किसी भी प्रकार की प्राकृतिक घटना, अकाल तथा प्राकृतिक प्रकोप पड़ जाता तो उसके निवारण के लिए दोनों घाटियों के लोग समूहों में उनकी शरण में जाते थे जिस कारण वे देवादि देव पशाकोट की बदौलत समय अनुसार घाटीवासियों को उन प्राकृतिक प्रकोपों से निजात दिलवा देते थे। देव पशाकोट के पुजारी होने के चलते दोनों घाटियों के लोगों का उनके पास खासा आना जाना लगा रहता था। बरोट पंचायत के गाँव थुजी के 73 वर्षीय बुजूर्ग वजिन्द्र सिंह बताते हैं कि उनके पूरे परिवार को सदियों से ही देव पशाकोट का पूरा आशिर्बाद मिल रहा है।
तोलू राम के दो बहने और एक छोटा भाई भी पीछे छूट गए हैं जिसमें दोनों बचपन से ही बहने मात्र विधुर जबकि छोटा भाई प्रितम चंद बहरा व विधुर है। नौजवानी में उनकी शादी भी हो गई थी मगर उसके बाद उसकी ऐसी स्थिति को देखते हुए उसकी पत्नी ने उसे तलाक दे दिया। उसकी मजबूरी को देखते हुए घाटीवासियों की सिपारिश पर उन्हें लोकनिर्माण विभाग मे बतौर मजदूर तैनात किया गया था परन्तु बढ़त्ती उम्र के चलते उन्हें बिना पेंशन के सेवानिवृत भी होना पड़ा। वह मरते दम तक अपने छोटे भाई के साथ अपना जीवन यापन करता रहा। उसकी वृद्धावस्था को देखते लगभग दस वर्ष पूर्व पुजारी का पूरा कार्यभार उसके छोटे भाई को संभालना पड़ा तब से लेकर अब तक पुजारी का कार्यभार उसके छोटे भाई प्रीतम चंद ही संभाल रहे हैं। दोनों घाटियों के लोग उन दोनों भाइयों को मौसम अधिकारी की संज्ञा भी देते हैं। घाटी के वजिन्द्र सिंह सहित दोनों घाटियों के समस्त लोगों ने उनके के निधन पर गहरा दुःख व्यक्त करते हुए भगवान से उनकी आत्मा की शान्ति के लिए प्रार्थना की है।