बाह्य सराज आनी के अधिष्ठाता देवता तराली नाग के नए  मंदिर की गई प्राण प्रतिष्ठा, नए देवालय में प्रविष्ट हुए देवता 

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सुरभि न्यूज़
छविन्द्र शर्मा, आनी
आनी उपमंडल में  इन दिनों विभिन्न देबालयों में देव कारजों का आयोजन हो रहा है। क्षेत्र में देवी देवताओं के नए मंदिरों की प्रतिष्ठा हो रही है। बाह्य सराज आनी के अधिष्ठाता देवता तराली नाग का भी नया मंदिर बनकर तैयार हो गया है। काठकुणी शौली के बने चार मंजिल मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा चार दिसंबर से शुरू हुई थी। चार दिनों तक मंदिर में ब्राह्मणों द्वारा पूजा पाठ व हवन यज्ञ आदि धार्मिक अनुष्ठान  किए गए। जबकि  रविवार आठ दिसंबर को शिख फेर की रस्म के साथ   प्राण  प्रतिष्ठा की पूर्णाहुति की गई। जय नाग तराली  मन्दिर कमेटी के प्रधान महेंद्र कायथ ने बताया कि मन्दिर की प्राण प्रतिष्ठा का यह धार्मिक आयोजन कारदार दौलत राम, चुन्नी लाल, सचिव वीर सिंह कायथ के तत्वावधान में मन्दिर कमेटी के अन्य करकुनों, पंचायत प्रधान  चंद्रा ठाकुर, स्थानीय युवक मंडल, महिला मण्डल तथा समस्त जनता के सहयोग से विधिवत रूप से सम्पन्न हुआ।
मंदिर की प्रतिष्ठा को यादगार बनाने के लिए देवता की मंदिर कमेटीए कारकून  व हारियान रात  दिन तैयारियों में जुटे रहे। मन्दिर कमेटी के प्रधान महेंद्र कायथ, कारदार दौलत राम व चुनी लाल ने कहा  कि मंदिर के निर्माण पर करीब पौने दो करोड़ की राशि खर्च की गई है। चार मंजिल के भव्य काष्ठकुणी शैली में बने नए मंदिर को बनाने में कमेटी का करीब दो साल का समय लगा है। इसमें करीब 15 लाख  रुपये की राशि भाषा एंव संस्कृति विभाग द्वारा जारी गई थी। जबकि अन्य राशि को देवता के कारकून, हारियानों व देवलुओं के साथ आम जनता के सहयोग से एकत्रित किया गया।
उन्होंने कहा कि रविवार को  प्राण प्रतिष्ठा में  जहाँ विभिन्न देवालयों से आए कारकुनों ने अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई, वहीं पूर्णाहुति पर हजारों लोगों ने अपनी हाजरी देकर देवता के समक्ष शीश नवाकर सुख समृद्धि का आशीर्वाद लिया। इस दौरान सेंकड़ों भक्तों ने भंडारे का प्रशाद भी ग्रहण किया। कार्यक्रम के अंत में  स्थानीय ग्रामीणों ने देव वाद्य  यंत्रों की थाप पर  कारकुनों व देवलुओं संग नाटी नृत्य कर खुशी को साँझा किया।

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