सुरभि न्यूज़
खुशी राम ठाकुर, बरोट
छोटाभंगाल व चौहार घाटी प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी बुरांस के लाल व गुलाबी रंगों के फुलों से गुलजार हो गई है । दोनों घाटियों के जंगल बुरांस के छोटे व बडे़ पेड़ बुरांस के फुलों से लबालव भरकर दुल्हन की तरह सज गए है।
बुरांस के फुलों से भरी वादियां बेहद हसीन सी लग रही है। बुरांस के फुलों से भरी छोटा भंगाल व चौहार घाटी की वादियां बाहर से यहां आने वाले सभी पर्यटकों सहित घाटीवासियों को बरवस ही अपनी ओर आकर्षित कर रही है।
घाटी वासी ही नहीं बल्कि यहां आने वाले पर्यटक बुरांस के फुलों को तोड़कर चटनी तथा जूस के रुप में इस्तेमाल करने के लिए ले जा रहें हैं। आजकल लोग बुरांस के फुलों की चटनी बनाकर हर दिन खाने के साथ चटनी का स्वाद ले रहे है।
औषधीय गुणों से भरपूर बुरांस के फुलों की लोग चटनी इस्तेमाल में लाने के साथ – साथ बुरांस के फुलों को सूखाकर भी रख रहें हैं। यही नहीं घाटियों के कुछ मेहनतकश लोग बुरास के फुलों को बेचकर अच्छी कमाई भी कमा रहे है।
घाटियों के बुजुर्गों में शेबरु राम जहरिया, देवी सिंह, डागी राम आदि का कहना है कि जब किसी के नाक से अचानक ही खुन बहने लगता है उसे नकसीर कहा जाता है तो उस दौरान सुखाए हुए बुरांस के फुलों का पाउडर नाक के अंदर डालने से काफी लाभ भी मिलता है।