हिमाचल में मौत बनकर बरसे बादल : 17 जगह बादल फटने से 18 की मौत 34 लापता, 18 घर व 12 गौशालाएं बाढ़ मे बहे 

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सुरभि न्यूज़

मंडी/कुल्लू

हिमाचल प्रदेश में आसमान से बारिश ऐसी आफत बन कर बरसी कि एक ही रात में 17 जगह बादल फटे हैं। मंडी जिले में 15, जबकि कुल्लू और किन्नौर जिले में एक-एक जगह बादल फटा है। मंडी जिले में बारिश, बादल फटने और ब्यास नदी व नालों के रौद्र रूप से भारी तबाही हुई है।

मंडी में 16 लोगों समेत पूरे प्रदेश में 18 की जान चली गई है। 33 लोग अभी लापता हैं। दर्जनों लोग घायल हो गए हैं। 332 लोगों को जगह-जगह से रेस्क्यू कर उनकी जान बचाई गई है। अकेले मंडी जिले में 24 घर और 12 गोशालाएं जमींदोज हो गई हैं। 30 पशुओं की मौत हो गई है। कुकलाह के समीप पटीकरी प्रोजेक्ट बह गया है। कई पुल ध्वस्त हो गए हैं।

थुनाग उपमंडल में कुकलाह में भी रात को बादल फटने से आई बाढ़ में करीब आठ घरों के साथ 24 लोग बह गए। मंगलवार शाम को 9 शव मिले हैं, जबकि 21 लोग लापता है। गोहर उपमंडल के स्यांज में सोमवार रात को बादल फटने से नौ लोगों के साथ दो घर बह गए। इनमें दो के शव मिले हैं। बाड़ा में एक घर के ढहने से छह लोग दब गए। इनमें से चार को रेस्क्यू कर लिया गया, जबकि दो के शव बरामद हुए हैं।

बस्सी में फंसे दो लोगों को रेस्क्यू किया गया, जबकि परवाड़ा में मकान बहने के कारण एक ही परिवार के दो सदस्य लापता हैं। एक शव बरामद कर लिया गया है। करसोग में बादल फटने से पुराना बाजार नेगली पुल से चार लोग लापता हैं, जबकि एक शव बरामद कर लिया गया है। यहां छह घरों को नुकसान पहुंचा है।

सोमवार रात ब्यास नदी का पानी मंडी शहर में घुसने से रातभर आसपास के लोगों में अफरातफरी मची रही। जल भराव के कारण पंडोह बाजार को खाली करवाना पड़ा। कुल्लू के आनी में कारशा नाले में बादल फटने से एनएच पूरी तरह बंद हो गया है। किन्नौर के सांगला तहसील के खरोगला गांव से पार जंगल में भी बादल फटा है। एनडीआरएफ ने लापता लोगों की खोज के लिए सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया है।

जबकि कांगड़ा में ब्यास पुल नादौन के पास पंचायत घुरकाल के नजदीक निर्माणाधीन पुल के नीचे एक महिला का शव बरामद हुआ है। शाहपुर में निर्माणाधीन फोरलेन के कार्य के चलते बारिश का पानी और मलबा लोगों के घरों और दुकानों में घुस गया था।

मंडी जिला के गोहर उपमंडल के स्यांज में सोमवार रात नौ लोगों के साथ दो घर बह गए। इनका फिलहाल कोई सुराग नहीं लगा है। बाड़ा में एक घर के ढहने से छह लोग दब गए। इनमें से चार को रेस्क्यू कर लिया गया, जबकि दो शव बरामद हुए हैं। पटिकरी प्रोजेक्ट से करीब दो दर्जन लोग रेस्क्यू किए गए हैं।

गोहर के ही बस्सी में फंसे हुए दो लोगों को रेस्क्यू किया गया, जबकि परवाड़ा में मकान बहने के कारण एक ही परिवार के दो सदस्य गायब हैं। जबकि एक का शव बरामद कर लिया गया है। वहीं, बच्ची सुरक्षित है। केलोधार में घर ढहने के कारण फंसे आठ लोगों को रेस्क्यू किया गया।

मंडी जिला के ही थुनाग उपमंडल में कुकलाह में करीब आठ घर बाढ़ के चलते बह गए। लस्सी मोड़ में एक कार बह गई। रैल चौक में करीब चार मवेशी बह गए। पटिकरी में 16 मेगावाट का एक पावर प्रोजेक्ट भी बाढ़ में बह गया। इसका नामोनिशान तक नहीं रहा। करसोग उपमंडल के कुट्टी नाला में सोमवार रात नदी किनारे सात लोग फंस गए। इन्हें एनडीआरएफ की टीमों ने सुरक्षित बचाया। इसके अलावा एक घायल को भी रेस्क्यू किया।

पुराना बाजार करसोग नेगली पुल में बाढ़ के बाद चार लोग लापता चल रहे हैं। जबकि एक शव बरामद कर लिया गया है। यहां छह घरों को नुकसान पहुंचा है। करसोग इमला खड्डु में रिक्की गांव से सात लोगों को सुरक्षित बचाया गया। करसोग बाईपास से भी सात लोग रेस्क्यू किए गए। करसोग कॉलेज से 12 छात्रों और चार महिलाओं को रेस्क्यू किया गया। बाढ़ के चलते इन सभी जगहों में हालात बिगड़ गए थे।

मंडी जिला में करसोग के रिक्की, कुट्टी, ओल्ड बाजार, गोहर के स्यांज, बाड़ा, बस्सी, परवाड़ा, तलवाड़ा, कैलोधार, धर्मपुर के त्रियंबला, भडराना, थुनाग के कुटाह, लस्सी मोड़, रेल चौक, पट्टीकारी में बादल फटे। धर्मपुर उपमंडल के स्याठी गांव में बादल फटने की घटना के बाद दो घर और पांच गोशालाओं को नुकसान पहुंचा है।

जोगिंद्रनगर उपमंडल में नेरी कोटला में एक अज्ञात शव बरामद हुआ है। सदर उपमंडल में मंडी शहर में पैलेस कॉलोनी, टारना और डाइट मंडी में जलभराव व भारी बारिश के चलते 56 लोगों को रेस्क्यू किया गया।

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