सुरभि न्यूज़
चांदपुर, बिलासपुर
कभी कहलूर रियासत की राजधानी रही और ऐतिहासिक स्थल सुन्हानी के शीतला माता मंदिर में लोगों को नशाखोरी से दूर रहने के लिए और अपनी संस्कृति, बोली तथा परंपराओं को बचाने के उदेश्य से एक जागरूकता संगोष्ठी का सफल आयोजन किया गया।
इस संगोष्ठी की अध्यक्षता कल्याण कला मंच के मुख्य संरक्षक डॉक्टर लेखराम शर्मा ने की। जबकि विशिष्ट अतिथियों में उषा देवी शर्मा, भक्त राम संतोषी, प्रेमलाल शर्मा, भगत राम शास्त्री और पुजारी मदन लाल शर्मा उपस्थित रहे। कल्याण कला मंच के अध्यक्ष सुरेंद्र मिन्हास के निर्देशन में हुए विभिन्न रंगों से सराबोर कार्यक्रम में मंच का संचालन तृप्ता कौर मुसाफिर द्वारा किया गया।
सर्वप्रथम सुन्हानी की ऐतिहासिकता का वर्णन डॉ लेखराम शर्मा द्वारा किया और अपनी कविता इसजो बोलदे थे परोंहतां रा गांव, फेरी राजे बणाया पक्का ठांव से गोष्ठी का आगाज किया जबकि दनोह के रविंद्र शर्मा द्वारा मृत हो चुकी थी गौ माता फिर भी बच्चे की बचाई जान ने बाढ़ आपदा पर शोक ब्यक्त किया। बृजलाल लखनपाल(बाड़ा दा घाट) ने अम्मा रियां यादां हटी फिरी औदियाँ, अम्मा रियां नशानियां मिंजो बड़ियां रुलांदियां माँ की ममता का वर्णन किया जबकि कुजैल की तृप्ता रानी वर्धन ने बचपन में सुनाती दादी नानी ये कहानी, राजधानी थी राजे री ये सुन्हानी कविता सुनाई।
डाहड के मियां बुद्धि सिंह चंदेल ने लो फिर आई आघात करने वाली बरसात बरसात के कहर से सचेत किया जबकि बच्छरेटु से आई वीना चौधरी ने रब दी रजा हैं ये फुलबाड़ियां कोई लगांदा, ते कोई तोड़ जांदा अपनी भावना को ब्यक्त किया जबकि रौड़ा सेक्टर के शिक्षाविद् जीत राम सुमन ने किने बिगाड़े गबरु म्हारे, किने कमाए ऐड़े पाप नशे से दूर रहने का सन्देश दिया। दोकड़ू के शिक्षाविद् बीरबल राम धीमान ने कुमकुम है चन्दन है, सुन्हानी की पावन धरा पर आपका अभिनंदन है अपनी कविता से सभी का शुस्वागत किया जबकि रौड़ा सेक्टर के राम पाल डोगरा ने बुजुर्गों का रखो ख्याल, अपनी संस्कृति की करो संभाल बुजुर्गों की हो रही अनदेखी पर चिंता ब्यक्त की।
महिला मंडल की प्रधान उषा कुमारी ने नमन है उन शहीदों को जो देश के लिए कुर्बान हो गए अपनी कविता से शहीदों का नमन किया जबकि माकड़ी मार्कण्ड के गांव ठाऊड़ू के बाबू राम धीमान ने शीतल, पेय स्वादिष्ट था जिसके कुएं का पानी कविता के माध्यम से जल है तो जीवन है का सन्देश दिया। सीर खड्ड के किनारे बसा ऐतिहासिक गांव है सुन्हानी महिला मंडल सुन्हानी ने मुरली वाले यह क्या हो रहा है पाप हंस रहा है और धर्म रो रहा है कविता सुना कर अधर्म पर चिंता ब्यक्त की जबकि शिक्षा रत्न सुषमा खजूरिया ने शत्रु को पुनः पड़ा है रोना तय है उसका अंत होना कविता सुनाकर सोचने पर मजबूर किया।
बाड़ी मझेड़ के सूबेदार वीर सिंह चंदेल ने डुगी डुगी नदियां ऊची ऊची धारां सुनाकर वाह वाही लूटी वहीं दनोह के अमरनाथ धीमान ने सुन्हानी मेले लगुरे इस पासे धार सजुरी उस पासे सुना कर मन्त्रमुग्ध किया। तत्पश्चात प्रेमलाल शर्मा ने सुन्हानी है मेरी जान, इसी से है हमारी शान अपनी रचना सुना कर सुन्हानी गांव पर प्रकाश डाला जबकि मंच संचालक तृप्ता कौर मुसाफिर ने बेड़िया रे ठेकेदारा भाइया आयां वारा जो मिंजो नेयां पारा जो असां पइयां विपतां गीत सुनाकर झूमने पर मजबूर किया।
मंच के अध्यक्ष सुरेंद्र मिन्हास ने इक दिन मेरि अम्मा गलाओ, नोगा जाई कन्ने पिहण प्याहो अपनी रचना सुनाई। साहित्यकार एवं ज्योतिषी भगत राम शास्त्री ने सभी कलमकारों और साहित्यकारों का धन्यवाद किया। अंत में बिलासपुरी धाम का सभी ने आनंद लिया। जिसका आयोजन मंच की सदस्या सुषमा खजुरिया और तृप्ता कुमारी वर्धन ने किया।