सुरभि न्यूज़ (खुशीराम ठाकुर) बरोट। चौहार घाटी के बरोट तथा छोटाभंगाल घाटी के मुल्थान क्षेत्र के लोगों को उहल नदी को आर-पार करने के लिए लगभग दो किलोमीटर का अतिरिक्त रास्ता तय नहीं करना पडेगा क्योंकि अब उहल नदी में लगभग 74 लाख रूपए कि स्वीकृत धन राशि से निर्माणाधीन बरोट-मुल्थान पैदल चलने योग्य पुल का कार्य बहुत जल्द ही होने वाला है। प्राप्त जानकारी के अनुसार आजकल इस पुल का निर्माण कार्य जोरों से चला हुआ है। जिस कारण इसका निर्माण कार्य लगभग 85 प्रतिशत पूर्ण हो चुका है तथा शेष कार्य भी बहुत जल्द पूर्ण होने की संभावना बन गई है। जिस कारण कारण दोनों घाटियों के समस्त लोगों की वर्षों से चली आ रही उहल नदी पर बनने वाले पैदल चलने योग्य पुल के पुनर्निर्माण की मांग अब लगभग पूर्ण ही हो गई है। गोरतलव है कि यह बरोट–मुल्थान पैदल चलने योग्य सदियों पुराना लकड़ी का पुल वर्ष 1995 में भारी बरसात से उहल नदी में आई भयंकर बाढ़ के कारण पूरी तरह बह चुका था और लगभग 25 वषों से इस पुल का पुनर्निर्माण नहीं हो पा रहा था जिस कारण बरोट तथा मुल्थान क्षेत्र के लोग अपने आप को ठगा-ठगा सा महसूस कर रहे थे। लेकिन अब प्रदेश की जयराम ठाकुर की सरकार ने इन दोनों क्षेत्रों के लोगों की इस गंभीर मांग को मद्धेनज़र रखते हुए पैदल चलने योग्य इस बरोट–मुल्थान पुल के पुनर्निर्माण के लिए 74 लाख रूपए की धनराशि स्वीकृत करवाई है जिसका कार्य अब जोरों से चला हुआ है। चौहार घाटी के बरोट तथा छोटाभंगाल घाटी के मुल्थान क्षेत्र के लोगों पूर्ण चंद, दौलत नेगी, अमीं चंद, रतन चंद, रूमाल चंद, हिरा लाल, संजय कुमार व राज कुमार सहित दोनों क्षेत्रों के लोगों ने प्रदेश की जयराम सरकार तथा लोक निर्माण विभाग का आभार व्यक्त किया है। इस बारे में लोकनिर्माण विभाग के उपमंडल झटिंगरी के कनिष्ट अभियंता भगत राम ने बताया कि इस बरोट-मुल्थान पैदल चलने योग्य पुल का कार्य आजकल जोरों से चला हुआ है तथा इसका कार्य इसी माह सितम्बर के अंत तक पूरी तरह पूर्ण कर दिया जाएगा तथा बहुत जल्द ही दोनों क्षेत्रों के लोगों को समर्पित भी कर दिया जाएगा।
2021-09-02