सुरभि न्यूज़
कुल्लू, 28 दिसम्बर।
जिला स्तरीय मॉनिटरिंग कमेटी की सेन्टर सेक्टर स्कीम के अंतर्गत निर्माण एवं प्रोत्साहन में 10000 फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइजेशन से संबंधित बैठक उपायुक्त आशुतोष गर्ग की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैटक में जानकारी दी गई कि जिला के विभिन्न क्षेत्रों में नाबार्ड के अंतर्गत 10,000 फार्मर प्रोड्यूसर संगठन बनाने एवं उनको प्रोत्साहित करने को सरकार द्वारा लक्ष्य रखा गया है। जिला के प्रत्येक ब्लॉक में एक-एक किसान उत्पादक कंपनी का गठन किया जा चुका है।
बैठक में जानकारी दी गई कि केंद्र सरकार द्वारा एआईएफ स्कीम के अंतर्गत 925 करोड़ रुपए का आबंटन प्रदेश सरकार को किया गया है। इसके तहत प्राथमिक गतिविधियों के लिए किसानों को 3 फीसदी ब्याज पर 2 करोड़ रुपए तक का कर्ज 7 साल के लिए दिया जा रहा है। भारत सरकार ने 2 करोड़ तक के ऋण के लिए क्रेडिट गारंटी फंड भी इसमें बनाया है।
फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइजेशन में सदस्य किसान होते हैं जिनमें की छोटे किसान एवं कृषि व्यापारी संगठन से जुड़कर किसान उत्पाद संगठन को प्रोत्साहित करने में मदद कर रहे हैं जोकि किसी भी कृषि उत्पाद अथवा गैर कृषि उत्पाद जैसे कि हस्तशिल्प उत्पाद इत्यादि को बढ़ावा देने के लिए लक्षित है।
इन कार्यों से संबंधित सभी किसान समूह बनाकर भारतीय कंपनी अधिनियम अथवा सोसाइटी अधिनियम के अंतर्गत संगठन का पंजीकरण करवा सकते हैं जिसका मुख्य उद्देश्य सामूहिक रूप से छोटे एवं सीमांत किसानों को लाभ पहुंचाना है।
उपायुक्त ने कहा कि अभी तक निरमंड फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी के अंतर्गत 210 किसान सेब, लहसुन, खुमानी, अखरोट, धान, बाजरा एवं नाशपाती से निर्मित उत्पाद का व्यापार कर रहे हैं। इसका का टर्नओवर अभी तक 32 लाख 13 हजार रुपए का है। मनाहरा फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी के अंतर्गत 190 किसान सेब, अखरोट, खुमानी, परसीमन इत्यादि से निर्मित उत्पादों का व्यापार कर रहे हैं। इनका टर्नओवर 970000 है। आउटर सिराज आनी फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी के अंतर्गत 250 किसान संगठित होकर सेब, सब्जियां एवं टोन फ्रूट से संबंधित उत्पादों का निर्माण कर कार्य कर रहे हैं, जिसका टर्नओवर 1152000 है।









