सुरभि न्यूज़ डेस्क
खुशी राम ठाकुर, बरोट
जिला मंडी चौहर घाटी बरोट के सबसे ऊँचे रूलिंग गाँव में आजादी के 75 साल बीत जाने के बाद भी अभी तक बस सुविधा नहीं मिल पाई है। लगभग 7 हजार फूट की ऊँचाई पर बसे इस गाँव में 150 परिवार रहते थे जिसमें से लगभग 40 परिवार बस तथा अन्य सुविधा न मिलन से निचले क्षेत्रों में जा कर बस गए है। वर्तमान में 110 परिवार गाँव में रह रहे है।
लोकनिर्माण विभाग उपमंडल झटिंगरी के अंतर्गत आने वाले वोचिंग-रूलिंग 7 किलोमीटर सड़क मार्ग पर सरकारी बस चालने की मांग फिर से स्थानीय लोगों द्वारा जोर पकड़ने लगी है।
वोचिंग–रूलिंग सड़क मार्ग पर बस न चलने से कढ़ियाण, सच्चाण, लपास , नोट, सच्चाण गहर, कशामल, गलू तथा रूलिंग गाँवों के लगभग दो हज़ार लोग बस सुविधा से बंचित है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार इन गाँव वासियों की जोरदार मांग पर सरकार ने जिला मंडी के सबसे ऊंचे दुर्गम रूलिंग गाँव को सड़क मार्ग से तो जोड़ दिया है मगर इस सड़क मार्ग पर सरकार बस को चालू करना भूल गई है।
उल्लेखनीय है कि गत वर्ष द्रंग क्षेत्र के पूर्व विधायक जवाहर ठाकुर ने वोचिंग-रूलिंग सड़क मार्ग के बीच कशामल गाँव तक बस का सफल ट्रायल किया था लेकिन अभी तक कशामल गाँव तक भी बस को नहीं चलाया गया है। जिस कारण इन गाँवों के लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
लपास पंचायत के प्रधान रमेश कुमार ठाकुर ने कहा कि वोचिंग–रूलिंग सड़क मार्ग पर कशामल गाँव तक सड़क बस योग्य बन गई है मगर फिर भी लोगो को यहाँ तक भी बस की सुविधा नहीं मिल पा रही है।
प्रधान रमेश कुमार ठाकुर तथा गाँव वासियों ने सरकार तथा लोक निर्माण विभाग से मांग की है कि गाँव वासियों की इस गंभीर समस्या को मद्दे नज़र रखते हुए कशामल गाँव तक सुबह तथा शाम के रूट वाली सरकारी बस को चलाया जाए और कशामल से आगे भी जल्द से जल्द जिले के सबसे ऊंचाई वाले रूलिंग गाँव को बस सुविधा से जोड़ा जाए।
रमेश कुमार ठाकुर ने कहा कि वोचिंग–रूलिंग सड़क मार्ग बस योग्य बन जाने से जहां स्थानीय गांववासियों को लाभ मिलेगा वहीं स्थानीय व बाहरी क्षेत्रों से आने वाले पर्यटक लपास में शीतल जल के झरने तथा प्राकृतिक सौन्दर्य का भरपूर आनंद लेने के साथ हसीन वादियों का अवलोकन भी कर सकेंगे।