सुरभि न्यूज़
खुशी राम ठाकुर, बरोट
चौहार घाटी तथा छोटाभंगाल की ऊंची-ऊंची चोटियों में अपने पशुधन के साथ विचरण करने वाले घुमंतू भेड़पालक अब लगभग तीन माह के लिए अपने पशुधन को लेकर अति दुर्गम घाटी बड़ा भंगाल में स्थित अपनी–अपनी चाराहागों में अपनी भेड़- बकरियों को चराने के लिए रवाना हो रहे हैं।
मगर बड़ा भंगाल को जाने वाले रास्ते के बीच झौडी व पनिहारटू नामक स्थान पर ऊहल नदी में बनाई गई लकड़ी की अस्थाई पुलियां बह जाने तथा लगभग अठारह हज़ार फुट की ऊँचाई वाले थमसर जोत और उसके आगे वाले रास्ते में अभी भी भारी हिमपात होने के कारण भेड़पालकों को अपने पशुधन को ले जाना बेहद जोखिम भरा है।
मियोट गाँव के भागमल, किरण कुमार, छोटी झरवाड़ गाँव के सुंदर सिंह, ज्योति राम, बड़ी झरवाड़ गाँव के अमृत पाल भेड़पालाकों का कहना है कि इन कारणों से उन्हें अपनी भेड़-बकरियों को बड़ा भंगाल तक पहुंचाने के लिए चिंता सताने लगी है।
उनका कहना है कि जान जोखिम में डालकर सभी भेड़पालक जोखिम भरे वैकल्पिक रास्ते से होकर बड़ा भंगाल जाने को मजबूर हो गए हैं। इस रास्ते से भेड़पालकों सहित घोड़े–खच्चरों के माध्यम से बड़ा भंगाल वासियों के लिए कार्पोरेशन द्वारा प्रदान किए जाने वाला सस्ता राशन ले जाया जाता है।
अगर बह गयी पुलियां का पुनर्निर्माण समय पर नहीं हो पाता तो बड़ा भंगाल वासियों को राशन की खेप को पहुंचाने में काफी देरी हो जाएगी। जिसके कारण बड़ा भंगाल के समस्त लोगों में भारी रोष व्याप्त है।
भेड़पालकों सहित बड़ा भंगाल घाटी के समस्त लोगों ने प्रदेश मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू तथा बैजनाथ विधायक किशोरी लाल से मांग की है कि लोगों की सुविधा के लिए बड़ा भंगाल को जाने वाले रास्ते के बीच इन दोनों स्थान पर बह गई अस्थाई पुलियों का जल्द से जल्द से पुनर्निर्माण किया जाए।
इस बारे में बड़ा भंगाल पंचायत के प्रधान मनसा राम ने कहा कि इस बारे में उन्होंने स्थानीय प्रशासन को सूचित कर दिया है। वहीँ विधायक किशोरी लाल का कहना है कि उन्हें इस समस्या के बारे में पहले ही सूचना मिल गई है। उन्होंने विश्वाश दिलवाया है कि बहुत जल्द ही इन पुलियों का पुनर्निर्माण कर समस्त लोगों को सुविधा प्रदान करवा दी जाएगी।