ग्रामीण स्तर से नशे के खिलाफ सभी को मिलकर लड़नी होगी जंग

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सुरभि न्यूज़

ख़ुशी राम ठाकुर, बरोट

नशे का सेवन करने या फिर इसका व्यापार करने से तरक्की नहीं बल्कि इंसान का आज नहीं तो कल अवश्य ही नाश होता है। चौहार घाटी तथा छोटाभंगाल के बुद्धिजीवियों का कहना है कि घाटियों के लोगों का जीवन यापन करने का खेतीबाड़ी ही एक मात्र जीने का साधन है।

मगर यहाँ पर भी गुप्त रूप से नशा माफिया के सक्रीय होने से यहाँ की युवा पीढ़ी नशे के दलदल में डूबती ही जा रही है जो कि बेहद चिंता का विषय बन गया है।

अन्य बाहरी राज्यों से नशा माफिया से जुड़े  लोग यहाँ के भोले भाले लोगों को तरह-तरह के प्रलोभन देकर इस अवैध कार्य के लिए अपने साथ जोड़ रहे हैं।

बुद्धिजीवियों का कहना है कि चंद पैसों के लालच के कारण नशे का कारोबार इन घाटियों में कुछ जगहों पर भी धीरे-धीरे फलने-फूलने लगा है जिस कारण घाटियों का हर वर्ग गहरी चिंता में डूबा हुआ है।

घाटियों के रामसरन चौहान, यशवंत सिंह, धर्म चंद, वचन सिंह तथा दुर्गा दास  तथा समाज सेवियों ने प्रदेश भर में चलाए जा रहे नशा मुक्ति अभियान की सराहना करते हुए कहा कि घाटियों में नशे को जड़ से ही उखाड़ने के लिए नशा माफिया पर सकंजा कसना अति आवश्यक है।

उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि चलाये जा रहे नशा मुक्ति अभियान के तहत  पंचायत स्तर पर भी लोगों को नशे के प्रति जागरूक करने के लिए समय–समय पर जागरूकता शिविर आयोजित करना बेहद जरूरी है।

 

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