चौहार घाटी तथा छोटा भंगाल के किसानों की नगदी फसलों से आर्थिक स्थिति हुई मजबूत

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सुरभि न्यूज़

खुशी राम ठाकुर, बरोट

चौहार घाटी तथा छोटा भंगाल के लोगों का खेती बाड़ी ही एक मात्र जीवन यापन करने का ज़रिया है। दोनों घाटियों के सब्जी उत्पादक पारम्पारिक खेती करने के साथ-साथ गत लगभग 20 वर्षों से लगातार अपनी नगदी फसल विभिन्न प्रकार की सब्जियों का भारी मात्रा में उगाते चले आ रहे हैं।

इस वर्ष भी समूची चौहार घाटी तथा छोटाभंगाल घाटी के दुर्गम गाँवों में सब्जी उत्पादकों ने भारी मात्रा में विभिन्न प्रकार की सब्जियों को भारी मात्रा में उगाया हुआ है। दोनों घाटियों के सब्जी उत्पादकों ने सबसे ज्यादा मात्रा में बंद गोभी की खेती की हुई है। जिसके चलते आजकल सब्जी उत्पादकों के खेतों में बंदगोभी के ही फूल दिखाई दे रहे हैं।

दोनों घाटियों के किसानों में दर्शन कुमार, भागमल, कश्मीर सिंह, डागी राम और संजय कुमार का कहना है कि उन्होंने अपने–अपने खेतों में बंदगोभी के 20 से 80 हज़ार पौधे लगाये हुए हैं।

किसानों का यह भी कहना है कि बंदगोभी के साथ किसानों ने धनिया, मूली, चुकंदर, ब्रोकली गोभी तथा फूल गोभी की भी खेती की हुई है। सब्जी उत्पादकों की बंदगोभी खेतों में पूरी तरह तैयार होकर 15 अगस्त के बाद बिक्री के लिए हो जायेगी।

उल्लेखनीय है कि भले ही घाटियों में पारंपरिक खेती को किसानों ने कम किया है लेकिन नगदी सब्जियों की खेती करने से किसानों की आर्थिक दशा में काफी बदलाव देखने को मिल रहा है।

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