सुरभि न्यूज ब्यूरो
कुल्लू, 8 मार्च
स्थानीय संस्था ऐक्टिव मोनाल कल्चरल ऐसोसिएशन द्वारा उत्तर क्षे़त्र सांस्कृतिक केन्द्र पटियाला के सहयोग से भाषा एवं संस्कृति विभाग हिमाचल प्रदेश के संयुक्त तत्वावधान में कला केन्द्र कुल्लू में आयोजित किए जा रहे नौ दिवसीय ‘कुल्लू राष्ट्रीय नाट्य महोत्सव’ की सातवीं संध्या भाव राग ताल अकादमी पिथौरागढ उत्तराखण्ड के कलाकारों ने कुमार कैलाष के निर्देशन में अपने क्षेत्र की लोकगाथा पर आधारित नाटक ‘माधोसिंह भण्डारी’ का मर्मस्पर्शी प्रस्तुतिकरण
किया।
नाटक उत्तराखण्ड के एक वीर माधो सिंह भड़ की वीर गाथा है। नाटक में माधो सिंह अपनी युद्ध प्रवीणता से कई दुश्मनों को मार गिराता है। उसकी प्रशंसा सब तरफ होती है। पर उनके गांव मलेथा में सूखा पड़ जाता है। जब माधो राजा से मदद मांगने जाता है और वे लोग माधो को दुत्कार देते हैं। तब माधो गांव वालों के साथ मिलकर प्रण लेता है और पहाड़ काटकर चन्द्रभाग नदी से पानी अपने गांव लाने की बात करता है।
सभी जुट जाते हैं उसके साथ इस काम में। पर इसी बीच पहाड़ से गिर कर उसका बेटा मर जाता है जो उस काम में हाथ बंटा राहा होता है। इस पर माधो प्रण लेता है कि जब इस गांव में पानी पहुंचेगा तभी बेटे की अस्थियां बहाउंगा। सभी पहाड़ काटने में जुट जाते हैं। अन्ततः वे पानी गांव में पहुंचाने मे कामयाब हो जाते हैं। उसी नहर के पानी में माधो और उसकी पत्नी अपने बेटे की अस्थियां बहाते हैं।
नाटक के संगीत व गीतों ने नाटक में चार चांद लगाए और नाटक की गाथा की गति को खूबसूरती से आगे बढाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। नाटक को देख रहे दर्शकों की कई बार आंखें नम हुईं। रोहित, दीगर, धीरज, दीपक, जितेन्द्र, सपना, तनुजा, मनीशा, आरती आदि कलाकारों ने मंच पर तथा दिनेश, शुभम, रवि, दिवाकर आदि ने मंच पाष्र्व में अपनी भूमिकाएं बखूबी निभाई। डाॅ सूरत ठाकुर ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की।