सुरभि न्यूज़
प्रताप अरनोट, जोगिंदर नगर : 27 जुलाई
गड़ूही-भौरा-कस सड़क खुलवाने के लिए अब सोमवार 28 जुलाई को होगा सड़क सत्याग्रह एवं सामूहिक उपवास
गड़ूही भौरा कस सड़क की निशानदेही के बाद बंद सड़क को खुलवाने की सारी बाधाएँ दूर होने के बावजूद हिमाचल प्रदेश लोक निर्माण विभाग जोगिंदर नगर मण्डल दारा सड़क खोलने में जानबूझ कर की जा रही आनाकानी और देरी से गड़ूही, चर्डूनाल, मकोड़ा, बागड़ू, खपरोटू, भौरा, कोठी, कस, घरासी, ग्योला, रक्कड़, कटवाली, कुनडूनी व बस्सी की जनता में भारी रोष है।
हिमाचल किसान सभा की प्रभावित गांवों की कमेटी ने संयुक्त बैठक कर निर्णय लिया कि विभाग और प्रशासन द्वारा सड़क खोलने के लिए जानबूझ कर की जा रही देरी के खिलाफ सोमवार 28 जुलाई को जोगिंदर नगर में अधीक्षण अभियंता व अधिशाषी अभियंता के कार्यालय में किसान सभा के बैनर तले जिला परिषद सदस्य कुशाल भारद्वाज के नेतृत्व में सामूहिक भूख हड़ताल की जाएगी। किसान सभा की भौरा इकाई की प्रधान एवं पूर्व बीडीसी सदस्य कमला देवी, सचिव श्याम सिंह ठाकुर, उपाध्यक्ष जय सिंह, सह सचिव रणजीत सिंह, गड़ूही से पूर्व पूर्व पंचायत उप प्रधान जोगिन्दर बडवाल, वार्ड सदस्य सोनी भण्डारी, किसान नेता निहाल सिंह बडवाल, लोभी राम, रूप सिंह, आत्मा राम भण्डारी, रमेश चंद तथा जगदीश चंद ने बताया कि गड़ूही, भौरा, कोठी, ग्योला व घरासी सहित पाँच दलित बस्तियों व अन्य गांवों को आपस में जोड़ने वाली इस सड़क को खोलने के लिए जानबूझ कर की जा रही देरी से लोक निर्माण विभाग के अधिकारी पूरे विभाग और प्रदेश सरकार की किरकिरी ही करवा रहे हैं। क्योंकि अधिकारियों के इस रूख से कमजोर तबके लोगों के प्रति उनके भेदभावपूर्ण रवैये की झलक मिलती है। इसलिए सभी गांवों के प्रभावित 28 जुलाई को सड़क सत्याग्रह एवं सामूहिक उपवास करेंगे।
किसान सभा की भौरा, गड़ूही व अन्य स्थानों पर आयोजित बैठकों में किसान सभा के जिला अध्यक्ष एवं जिला परिषद सदस्य कुशाल भारद्वाज भी शामिल हुए। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि कई वर्षों से इस सड़क को जानबूझ कर लोक निर्माण विभाग के कुछ अधिकारियों व कुछ कर्मचारियों की मिलीभगत से ही रोका गया था और अब जब जनता के संघर्ष से हुई निशानदेही से जब सारा सच सबके सामने आ गया तो भी अधिशाषी अभियंता अपनी झेंप नहीं मिटा पा रहे हैं और तरह-तरह के बहाने लगा कर सड़क निर्माण के कार्य को टाला जा रहा है। संबंधित अधिकारियों से बात करने पर कभी बोला जा रहा है कि डंगे लगाने के लिए एस्टिमेट बनाया जा रहा है, कभी कहते हैं कि विभाग के पास जेसीबी नहीं है, कभी बोला जा रहा है कि वन विभाग को चिट्ठी लिखी है। कुशाल भारद्वाज ने कहा कि ये सब फालतू के बहाने हैं। उन्होंने बताया कि सड़क खुलवाने के लिए वे आज भी एसडीएम महोदय से भी और लोक निर्माण विभाग के सहायक अभियंता से भी मिले हैं। इसके अन्य लोगों के साथ सड़क स्थल का दौरा भी किया तथा निशानदेही के अनुरूप जिस जगह से सड़क निर्माण हेतु निशान लगे हैं वहाँ का निरीक्षण भी किया।
कुशाल भारद्वाज ने कहा कि उन्होंने संबन्धित अधिकारियों को भी बता दिया है कि जब डंगे स्वीकृत होंगे और धनराशि जारी होगी तब डंगे लग जाएँगे, लेकिन फिलहाल छोटे वाहनों के आने-जाने के लिए सड़क के दोनों सिरों को जोड़ा जाये। सिर्फ 25-30 मीटर की जगह पर ही जेसीबी से काम होना है बाकी दोनों छोर पर पहले से ही सड़क मौजूद है। बंद जगह पर सड़क का ट्रेस निकालने और इसे छोटे वाहनों योग्य भी अभी निकाल दें तो बीच में कोई पेड़ भी नहीं आ रहा है। कुशाल भारद्वाज ने किसान सभा की सभी इकाइयों से तथा आम लोगों से भी आग्रह किया है कि न्याय व हक के लिए लड़ी जा रही इस लड़ाई में वे प्रभावित गांवों के लोगों का साथ दें तथा 28 जुलाई को इस सामूहिक उपवास में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लें। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि जल्दी ही सड़क नहीं खोली गई तो अगला पड़ाव डीसी ऑफिस में लगाएंगे और विधान सभा के मॉनसून सत्र में सड़क के साथ-साथ मण्डल कार्यालय में व्याप्त धांधलियों के खिलाफ़ विधान सभा के बाहर भी डेरा डालेंगे।