सुरभि न्यूज़
विजयराज उपाध्याय, बिलासपुर
सेब का बगीचा काटकर निजी भूमि पर तैयार कर दिया 2000 देवदार के पेड़ों का विशाल जंगल
कुल्लू और मंडी की सरहद पर एक ऐसी शख्सियत ने जन्म लिया जो आज के इस आधुनिक समय में विरले ही पैदा होते हैं। जी हां हम बात कर रहे हैं पनारसा के दिलीप ठाकुर की जिन्होंने पूरे प्रदेश में एक अनोखी मिसाल कायम की है।
इन्होंने कुल्लू मंडी की सरहद पनारसा गांव में अपनी पैतृक भूमि में लगे सेब के एक विशाल बागीचे को कटवा कर देवदार के पौधों का रोपण किया और एक विशालकाय जंगल तैयार कर दिया। शुरुआती दौर पर तो लोगों ने उनका उपहास उड़ाया और उन्हें किसी भी प्रकार का सहयोग नहीं दिया।
किंतु आज जब वहां लगभग 2000 पेड़ों का एक विशाल देवदार का जंगल तैयार हो चुका है तो हर कोई उन्हें सराहे बिना नहीं रह पाता। पिछले दिनों प्रसिद्ध पर्यावरण विद् सोनम वांगचू अपनी यात्रा के दौरान उनके यहां रुके और वे भी उनकी प्रशंसा किए बिना नहीं रह पाए। उनके कथनानुसार यह नई पीढ़ी के लिए एक धरोहर है जो आने वाले समय में पूरे समाज में एक नई जागृति लाएगी। कयोंकि धीरे-धीरे जंगल कट रहे हैं, भूमि नंगी हो रही है, वर्षा कम हो रही है और सम्पूर्ण धरती सूखे की ओर बढ़ रही है।
इसके लिए जंगलों का संरक्षण करना जरूरी है। नए जंगल तैयार करना भी जरूरी है। इसलिए किसी न किसी को तो पहल करके आगे आना ही होगा। इसी बात को अपना लक्ष्य मान कर चल रहे दिलीप ठाकुर ने समाज में वो पहल कर डाली जो आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का विषय होगा।
उनकी इस जागरूकता से प्रभावित होकर बिलासपुर में बहुत बड़ी संस्था व्यास नगर समिति में उन्हें सर्वोच्च व्यास प्रेरणा पुरस्कार से नवाजने का निर्णय लिया है। यह जानकारी देते हुए समिति अध्यक्ष कमलेंद्र कश्यप ने बताया कि संस्था द्वारा दलीप ठाकुर को ये पुरस्कार अपने सालाना समारोह व्यास उत्सव में जो पिछले 40 वर्षों से लगातार 22 जनवरी से 28 जनवरी तक होता है उसमें प्रदान किया जाएगा। यह निर्णय व्यास नगर समिति की पुरस्कार वितरण कमेटी की कोर कमेटी के सदस्यों द्वारा सर्व सम्मति विस्तरित चर्चा के उपरांत लिया गया है।