जिला कुल्लू के तीर्थन घाटी की मशियार पंचायत में आपदा का असर, विद्यार्थी जोखिम भरे रास्तों से स्कूल जाने को मजबूर

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सुरभि न्यूज़

परस राम भारती, तीर्थन घाटी गुशेनी बंजार

जिला कुल्लू उपमंडल बंजार की तीर्थन घाटी के दूर दराज क्षेत्र बठाहड़ में 13 अगस्त को घलिंगचा नाला में बादल फटने के कारण फ्लाचन नदी में आई बाढ़ ने भारी तबाही मचाई है। इस आपदा के कारण यहाँ की तीन ग्राम पंचायतें तुंग, शिल्ली और मशीयार ज्यादा प्रभावित हुई जिस कारण यहाँ का

जनजीवन काफ़ी अस्त-व्यस्त हो गया है। फलाचन नदी में आई बाढ़ की चपेट में पाँच पैदल पुल और एक बस योग्य दोगड़ा पुल बह गए। इसके कारण गांव मशियार, मंझली, कमेडा, घलिगंचा और ठानेगाड के लोग मुख्य मार्ग से पूरी तरह कट गए। हालांकि कुछ दिन पहले ही कैंची मोड़ से बठाहड़ तक सड़क मार्ग को छोटे वाहन चलने योग्य चालू किया गया है। जिस वज़ह से लोगों को थोड़ी राहत हुई है।

इस आपदा का सबसे अधिक असर स्कुल के विद्यार्थियों पर पड़ा है। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय बठाहड और राजकीय उच्च विद्यालय मंझली में पढ़ने वाले बच्चों का स्कूल आना-जाना लगभग बंद हो गया। लोगों ने आपसी सहयोग से तीन स्थानों पराला खड्ड घलिगंचा, फलाचन खड्ड दोगड़ा और फलाचन खड्ड टिला पुल पर अस्थायी पुलियां बनाकर फिलहाल आवागमन शुरू किया है। ग्रामीणों का कहना है कि ये पुलियां मात्र अस्थायी समाधान भर हैं। यदि फिर से नदी का जलस्तर बढ़ा तो इन पुलिओं के बह जाने का खतरा बना रहेगा।

आपदा की इस घड़ी में श्रमदान से पुलिया बनाने में पूर्व उप प्रधान प्रकाश ठाकुर, राम सिंह, गंगा राम, राजू राम, ढेबा राम, हेम राज, गोबिंद राम, अमर भारती, प्रेम सिंह, पुने राम, राम लाल, रोशन लाल, हेम राज, मान चंद और हेत राम आदि कई अन्य ग्रामीणों ने अपना भरपूर सहयोग दिया है

इस बाढ़ के कारण दोगड़ा से बठाहड तक की सड़क भी कई जगहों पर बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुकी है। तीन-चार स्थानों पर तो हालात इतने खतरनाक हैं कि एक ओर खड़ी पहाड़ी और दूसरी ओर बहती फलाचन नदी लोगों की जान के लिए खतरा बनी हुई है। बठाहड स्कुल में पढ़ने वाले विद्यार्थी रोज़ाना ऐसे ही जोखिम भरे रास्तों से होकर स्कूल पहुंचते हैं। इसके अलावा मशियार, मंझली, कमेडा, घलिगंचा और ठानेगाड गांवों के लोगों को रोजमर्रा की जरूरत का सामान भी इन्हीं रास्तों से लाना पड़ता है। आने वाले दिनों में सेब का सीजन शुरू होने वाला है, जिससे लोगों की दिक्कतें और बढ़ जाएंगी।

ग्रामीणों ने सरकार और प्रशासन से आग्रह किया है कि मौसम ठीक होते ही मशियार पंचायत में क्षतिग्रस्त सड़कों और पुलों का स्थायी समाधान किया जाए, ताकि भविष्य में लोगों को ऐसी समस्याओं का सामना न करना पड़े।

ग्राम पंचायत मशीयार की प्रधान शांता देवी ने बताया कि फ्लाचन नदी में भारी बारिश और बाढ़ आने के कारण पांच पैदल पुल, एक बस योग्य पुल और कुछ पुलिया बह गई थी। इन्होंने शासन प्रशासन से शीघ्र ही सहयोग माँगा था, जिस पर अब एक झूला व एक पैदल पुल के लिए करीब साढ़े दस लाख की धनराशि स्वीकृत हो चुकी है। इन्होने बताया कि मौसम साफ होने और सड़कें चालू होते ही इन पुलों का निर्माण प्राथमिकता के आधार पर शुरू किया जाएगा। इन्होंने इस कार्य के लिए कुल्लू सदर के विधायक सुंदर ठाकुर व एपीएमसी. अध्यक्ष मियां राम सिंह, उपायुक्त कुल्लू और एसडीएम बंजार का आभार प्रकट किया है।

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