जिला कुल्लू के तीर्थन घाटी में भारी बारिश, नदी की बाढ़ और भूस्खलन से लोगों में दहशत

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सुरभि न्यूज़

परस राम भारती, तीर्थन घाटी गुशेनी बंजार

हिमाचल प्रदेश में बरसात ने इस बार भी कई स्थानों पर अपना कहर बरपाया है। जिला कुल्लू की तीर्थन घाटी में लगातार हो रही भारी बारिश के कारण नदी की बाढ़ और भूस्खलन से यहां का जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया है। यहाँ के सभी सड़क मार्गो में भारी बारिश और भूस्खलन से कई स्थानों पर बड़ी-बड़ी दरारें आ गई है जिसकी वजह से जमीन के धंसने का खतरा बना हुआ है। इस समय घाटी में बिजली आपूर्ति बाधित है और सभी सडक मार्ग यातायात के लिए अबरुद्ध हो गए। यहाँ के लोग डर और भय के माहौल में रहने को मजबूर है।

तीर्थन घाटी समेत पुरे बंजार क्षेत्र में बीते तीन दिनों से दिन रात भारी बारिश का दौर लगातार जारी है। मौसम विभाग के मुताबिक प्रदेश में आगामी 31अगस्त तक भारी वर्षा होने की संभावना बताई जा रही है जिससे कई स्थानों में बाढ़ और भूस्खलन की घटनाएं हो सकती हैं। ऐसे में प्रशासन ने लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी है और बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। मौजूदा हालात को देखते हुए स्थानीय प्रशासन की ओर से सभी शैक्षणिक संस्थानों को आइंदा कल तक बंद रखने के आदेश दिए गए है।

इस क्षेत्र में पिछले करीब 48 घंटों से लगातार हो रही मूसलाधार बारिश के कारण घाटी से भारी नुकसान के समाचार भी मिल रहे है। आज प्रातः ही तीर्थन नदी ने अपना रोद्र रूप धारण कर लिया। नदी में आई इस बाढ़ ने वर्ष 2023 की आपदा के जख्म ताज़ा कर दिए। अभी हाल में 13 अगस्त को फ्लाचन नदी में बाढ़ आई थी, जिसमें कई पुल और पुलिया बह गए थे। इस वज़ह से कई ग्रामीणों का सम्पर्क टूट गया। स्थानीय लोगों ने आपसी सहयोग और श्रमदान से आवगामान के लिए अस्थाई पुलियों का निर्माण किया था लेकिन दुर्भाग्य से आज लोगों द्वारा बनाई गई तीन अस्थाई पुलिआ फिर से बाढ़ की भेंट चढ़ गई है। बाढ़ और भूसखलन के कारण कई लोगों की कृषि योग्य भूमि भी बह गई और कई मकान पूरी तरह से ढह गए है जबकि कुछ को आंशिक नुकसान पहुंचा है।

13 अगस्त को आई बाढ़ से ग्राम पंचायत कंडीधार में बाडीरोपा पुल के पास बनाई गई अस्थाई पुलिआ भी बह गई थी। यह पैदल पुल वर्ष 2023 की आपदा में क्षतिग्रस्त हो गया था, यहाँ पर ग्रामीणों ने कुछ दिन पहले ही फिर से एक अस्थाई पुलिया लगाई थी जो आज एक बार फिर से नदी में आई बाढ़ की भेंट चढ़ गई है और लोगों का आवागमन बंद हो गया है। लेकिन किसी जान माल के नुकसान की कोई सुचना नहीं है।

इसी स्थान पर कुछ पर्यटन कारोबारिओं के कॉटज, कैफ़े होमस्टे और होटल बने है। जिनको नदी की बाढ़ से भारी नुकसान का अंदेशा बना हुआ है। स्थानीय लोगों का कहना है कि मछली फार्म वालों ने इस नदी के साथ भारी छेड़छाड़ की है, नदी में कंकरीट का अबरोधक बना कर इसके जल स्तर को करीब 20 फुट ऊपर उठाया है। इस वजह से नदी ने अपना रुख बदल लिया और यह दो तरफ को बहने लगी है। नदी के दो भागों में बँटने से लोगों की सम्पतियों और कृषि योग्य भूमि को भारी नुकसान पहुंचा है। लोगों ने सरकार और प्रशासन से मांग की है कि शीघ्र ही इस स्थान का मौका किया जाए और यहाँ पर पुल के निर्माण और लोगों के लिए जरुरी सुरक्षा उपाय किए जाएं।

वहीं ग्राम पंचायत मशयार की प्रधान शांता देवी ने जानकारी देते हुए बताया कि अभी हाल ही में लोगों फलाचन नदी पर तीन अस्थाई पुलिओं का निर्माण किया था और लोगों को इसकी सुविधा भी मिल रही थी लेकिन आज तीन में से दो पुलिया फिर से नदी में बह गई है। अब ग्रामीणों का सम्पर्क फिर से कट गया है। इस समय लोग भारी कठिनाईओं का सामना कर रहे है, सड़कें बंद है और सेब की फसल तुड़ान के लिए तैयार है। इन्होंने बताया कि सड़कें और मौसम खुलते ही फिर से लोगों की आवाजाही को सुचारु किया जाएगा।

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