सुरभि न्यूज़
ख़ुशी राम ठाकुर, बरोट
छोटाभंगाल तथा चौहार घाटी में गत दिनों हुई भारी बारिश ने भारी तवाही होने से जहां दोनों घाटियों के किसानों तथा सब्जी उत्पादकों की नगदी फसलें बर्वाद कर उन्हें अर्श से फर्श पर ला दिया है वहीँ इस बारिश ने भेड़पालकों को भी कहीं का नहीं छोड़ा है। जानकारी के अनुसार छोटाभंगाल घाटी के सरला गांव के भेड़ पालक अमर चंद, पद्धर क्षेत्र के करनाल गांव के इंद्र सिंह, जोगिन्द्र नगर क्षेत्र के सरी गांव के सुरेश कुमार ने जिला कांगड़ा की दुर्गम बड़ा भंगाल घाटी को जाने वाले रास्ते बाहरली धार में बकरक्याड़ा नामक चारागाह में भेड़ बकरियों को चराने के लिए गत चार माह से सयुंक्त रूप से डेरा लगाया हुआ है।
भेड़पालक अमर चंद तथा इंद्र सिंह ने बताया कि तीन सितम्बर की रात को हुई भारी बारिश के बीच आसमानी बिजली गिरने के कारण भेड़पालक अमर चंद की चालीस भेडें साठ बकरियां, इंद्र सिंह की साठ बकरियां और सुरेश कुमार की पच्चहतर बकरियां की मौत हो गई है। जिस कारण भेड़पालक अमर चंद का लगभग बारह लाख, इंद्र सिंह का लगभग आठ लाख तथा सुरेश कुमार का लगभग नौ लाख रुपये का नुक्सान हो गया है।
प्रशासन कोसूचना देने की कोई भी सुविधा नहीं होने के कारण मौसम साफ होने पर 8 सितम्बर को इंद्र सिंह ने जान जोखिम में डालकर खराब हुए रास्तों को पार करते हुए गांव सरला में पहुंचकर घटना की सूचना स्थानीय पंचायत प्रधान, तहसील मुल्थान, स्थानीय वेटनरी डिस्पेंसरी के फार्मासिस्ट तथा पुलिस चौकी मुल्थान तथा बरोट में मीडिया को दी गई।
उन्होंने बताया कि बकरक्याड़ा चारागाह में इस समय नौ ओर भेड़पालकों के डेरे लगे हुए हैं और सभी भेड़पालकों के पास खाने का राशन भी समाप्त हो गया है, उनका कहना है कि सुरक्षित स्थान बकरक्याड़ा नामक चारागाह स्थित है। भारी बारिश के कारण बकरक्याड़ा चारागाह के साथ – साथ प्लाचक तक आने वाला पूरा रास्ता भूस्खलन होने से पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है।
सभी पीड़ित भेड़ पालकों ने बैजनाथ के विधायक किशोरी लाल तथ स्थानीय प्रशासन से मांग की है कि आसमानी बिजली से बेमौत मरी भेड़ – बकरियों की भरपाई करने तथा बकरक्याड़ा चारागाह में भेड़पालकों के लिए राशन की जरूरत को पूरा किया जाए। इस बारे में तहसील दार मुल्थान हरीश कुमार ने बताया कि पीड़ित भेड़पालकों का काफी नुक्सान हुआ है उन्होंने सभी भेड़ पालकों को विशवास दिलवाया कि सरकार से मिलने वाली सहायता हर संभव की जाएगी।