कृषि एवं राजस्व विभाग द्वारा 180 क्रॉप  कटिंग एक्सपेरिमेंट्स किये जायेंगे-डॉ कुलदीप धीमान

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सुरभि न्यूज़ चम्बा।  फसलों की पैदावार के आंकलन का कार्य कृषि एवं राजस्व विभाग के अधिकारियों द्वारा किया जाये गा। इसके लिए कृषि एवं राजस्व विभाग के अधिकारियों  को किसानों के खेतों में जा कर क्रॉप कटिंग एक्सपेरिमेंट्स के लिए प्रशिक्षण प्रदान किया गया है।उप कृषि निदेशक जिला चम्बा डॉ कुलदीप सिंह धीमान ने बताया कि  क्रॉप कटिंग एक्सपेरिमेंट्स के माध्यम से हिमाचल प्रदेश में रबी मौसम में अनाज की फसलों गेहूं व जौ की पैदावार का आंकलन किया जाता है। जिसके लिए कृषि व राजस्व अधिकारियों को भी जिला स्तर पर  प्रशिक्षित किया गया है। चंबा में कृषि विभाग के अधिकारियों के लिए आयोजित  क्रॉप कटिंग एक्सपेरिमेंट्स पर आधारित प्रशिक्षण कार्यक्रम के बाद यह जानकारी देते हुए डॉ धीमान ने बताया कि 5 अप्रैल को कृषि विभाग द्वारा उपायुक्त कार्यालय  चम्बा में प्रशिक्षण कार्यक्रम  का आयोजन राजस्व विभाग के अधिकारियों  के लिए किया गया था। उन्होंने कहा की गेहूं, जौ, धान व मक्की  की हर एक फसल की कटाई से पहले  कृषि  एवं राजस्व विभाग के अधिकारियों  के ऐसे प्रशिक्षण कार्यक्रम किया जाता है।
डॉ कुलदीप धीमान ने बताया कि तहसील स्तर से लेकर जिला स्तर व प्रदेश स्तर तक क्रॉप कटिंग एक्सपेरिमेंट्स किये जाते हैं। इस बार जिला चम्बा में गेहूं की फसल की पैदावार के आंकलन के लिए कुल  180 क्रॉप  कटिंग एक्सपेरिमेंट्स किये जायेंगे जिसमे से  136 क्रॉप कटिंग एक्सपेरिमेंट्स करने का लक्ष्य राजस्व विभाग विभाग के अधिकारियों व  44 क्रॉप कटिंग एक्सपेरिमेंट्स करने का लक्ष्य कृषि विभाग के अधिकारियों को दिया गया है। डॉ कुलदीप धीमान ने बताया कि  किसी भी फसल की पैदावार का आंकलन करने  के लिए किसानों के खेतों के खसरा नम्बरों का चयन तकनीक से पहले ही कर लिया जाता है। उसके बाद कृषि अधिकारी व राजस्व अधिकारी अपने-अपने कार्यक्षेत्र में किसानों के खेतों में जा कर खेत में 10 गुणा 2 मीटर का क्षेत्र चयन किया जाता है हर उस खेत की फसल की किसान द्वारा कटाई व गहाई करवा कर फसल की पैदावार का आंकलन करते है जो मोबाइल एप में भी दर्ज किया जायेगा। क्रॉप कटिंग एक्सपेरिमेंट्स द्वारा किये गए आंकलन के आधार पर आगामी वर्षों में पैदावार व गुणवत्ता बढ़ाने के लिए योजनाएं बनाई जाती है। इसकी रिपोर्ट शीघ्र ही कृषि निदेशालय को भेजी जाएगी। डॉ धीमान ने जिला चम्बा के सभी राजस्व अधिकारियों व कृषि अधिकारियों से अनुरोध किया है कि क्रॉप कटिंग एक्सपेरिमेंट्स का कार्य पूर्ण होने के बाद इसके परिणाम शीघ्र उप कृषि निदेशक चम्बा के कार्यालय में भेजना सुनिश्चित करें। डॉ धीमान ने जानकारी दी कि जिला चम्बा में  पिछले वर्ष लगभग 20 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में गेहूं की खेती की जाती है।  क्रॉप कटिंग एक्सपेरिमेंट्स  के आधार पर पिछले वर्ष जो गेहूं की पैदावार का आंकलन किया गया था उसके अनुसार जिला चम्बा में 1658.6 क्विंटल  प्रति हेक्टेयर(33.53 हजार मेट्रिक टन) गेहूं की पैदावार हुई थी।

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