न्यूज़ क्लिक वेबसाइट के संस्थापक एवं एडिटर-इन-चीफ प्रबीर पुरकायस्थ को गिरफ्तार करना लोकतन्त्र की हत्या-कुशाल भारद्वाज सचिव सीपीआई(एम) मंडी  

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सुरभि न्यूज़ ब्यूरो

जोगिन्दर नगर, 4 अक्तूबर 

सीपीआई(एम) की मंडी जिला कमेटी ने नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा की केंद्र सरकार द्वारा मीडिया पर किए गए ताजातरीन हमले की कड़े शब्दों में निंदा की है। सीपीआई(एम) के मंडी जिला सचिव कुशाल भारद्वाज ने कहा कि यह कार्यवाही मीडिया की स्वतंत्रता तथा संविधान में प्रदत बोलने व अभिव्यक्ति की आजादी के अधिकार का उल्लंघन है।

मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने पिछले 9 साल में सरकार से सवाल करने वाले मीडिया को दबाने तथा विभिन्न केन्द्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल कर उनके खिलाफ झूठे मुक़द्दमे बनाकर उनको डराने व तंग करने का ही काम किया है। मीडिया पर दबाव बनाकर सरकार ने इसे अपना गुणगान करने वाले मीडिया में बदलने के लिए हर तरह के हथकंडे अपनाए हैं और इसमें सरकार सफल भी हुई है।

सरकार का गुणगान करने, भाजपा का महिमामंडन करने, झूठी खबरें फैलाने, समाज में विद्वेष फैलाने, समाज में नफरत फैलाने और हर विरोधी पार्टी की खबरों को दबाने या फिर तोड़मरोड़ कर दिखाने वाले मीडिया को मोदी सरकार ने प्रमोट किया है। ऐसे मीडिया को खूब रियायतें दी जाती हैं, प्रचार के लिए ऐसे मीडिया को अरबों रूपया लुटवाया जाता है तथा ऐसे मीडिया घरानों को कॉरपोरेट द्वारा फंडिंग कारवाई जाती है या फिर उनको पूरी तरह से टेकओवर किया जाता है। इसी लिए आज देश का बच्चा-बच्चा ऐसे मीडिया को गोदी मीडिया कहता है।

पिछले कल दिल्ली व आस-पास न्यूज़ पोर्टल वैबसाइट न्यूज़ क्लिक के दफ्तर सहित इससे जुड़े पत्रकारों या फिर इस पर कभी कभार लिखने वाले या रिपोर्टिंग करने वाले स्वतंत्र पत्रकारों के घरों में दिल्ली पुलिस द्वारा छापे मारना, उनके लैपटॉप, कंप्यूटर, मोबाइल या अन्य इलेक्ट्रोनिक उपकरण जब्त करना और उनको जबरन गाड़ी में बैठाकर पूछताछ के लिए ले जाकर 10 घंटे से ज्यादा समय तक डिटेन करना इस बात का सूचक है कि अघोषित आपातकाल से भी कहीं आगे बढ़कर अर्धफासी तौर-तरीकों से मोदी सरकार काम कर रही है।

न्यूज़ क्लिक वेबसाइट के दफ्तर को सीज करना, इसके संस्थापक और एडिटर-इन-चीफ प्रबीर पुरकायस्थ को यूएपीए के तहत गिरफ्तार करना लोकतन्त्र की हत्या के समान है। यह सीधे तौर पर अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता, असहमति और आलोचनात्मक आवाजों को दबाने की कायराना कार्यवाही है।

माकपा का आरोप है कि भाजपा सरकार निश्चित ही लोकतन्त्र का गला घोंट रही है। यह सरकार अपनी आलोचना से कुछ सीखने के बजाए आलोचना करने वालों को खामोश सबक सीखाने की एक मात्र नीति पर चलती है। जो पत्रकार व मीडिया हाउस सनसनी फैलाते हैं, झूठी खबरें परोसते हैं, सांप्रदायिक उन्माद फैलाने व समुदायों में आपसी वैमनस्य बढ़ाने वाले प्राईम टाईम व टीवी डिबेट चलाते हैं उनको सरकार सम्मानित करती है और जो सरकार की नीतियों पर सवाल खड़े करते हैं उनको प्रताड़ित करती है। माकपा ने इस तरीके की कार्यवाही को मीडिया की स्वतन्त्रता पर हमला बताते हुए सरकार की आलोचना की है। माकपा का मानना है कि मोदी सरकार की इस तानाशाही पर लगाम लगाने की जरूरत है।

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