चौहारघाटी तथा छोटाभंगाल में राजबन गाँव में बादल फटने की घटी त्रासदी से छाया मातम

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सुरभि न्यूज़

ख़ुशी राम ठाकुर, बरोट

चौहारघाटी तथा छोटाभंगाल में 15 सितम्बर 1995 तथा 16 सितम्बर 2012 को बादल फटने से ऊहल व् लम्बाडग नदी में भीषण बाढ़ आने से मुल्थान तथा बरोट बाज़ार में लोगों का करोड़ों रूपये का नुक्सान हो गया था। गनीमत यह रही कि उस समय राजबन गाँव में घटी त्रासदी जैसी घटना में मानवीय क्षति नहीं हुई थी।

मगर गत 31 जुलाई रात को गाँव राजबन में तीन परिवारों के दस लोग बादल फटने की जद में आ गए है इस दर्र्द्नाक घटना से धमच्यान पंचायत
के लोग ही नहीं बल्कि समूची चौहार तथा छोटा भंगाल के हर घर मे मातम सा महौल बना हुआ है। सर्च अभियान में जुटी विभिन्न टीमों को गत दिन तीन लोगो के शव बरामद हुए जिनका अंतिम संस्कार भी कर दिया है।

वहीँ शुक्रवार को दो बच्चों के शव को तलाशने में सर्च अभियान में जुटी टीमों को कामयावी मिल गई है।अभी भी पांच लापता लोगों को स्थानीय लोगों की मदद से सर्च ऑप्रेशन टीम नाले में मलवे के ढेरों में शवों की तलाश कर रही है। दो दिनों में दस लापता लोगों में से पांच शव मिल गए है।

धमच्यान पंचायत के प्रधान कली राम, पूर्व प्रधान रोशन लाल, पूर्व बीडीसी सदस्य राजपाल व उपप्रधान नरेश कुमार प्रदेश ने कहा कि धमच्यान पंचायत के राजबन गाँव में बादल फटने से जो जनहानि हुई है इस घटना को कभी भी नहीं भुलाया जा सकता है। उन्होंने सरकार से आग्रह किया है कि प्रभावितों को जल्दी जल्दी व उचित राहत राशि प्रदान की जाए तथा सड़क मार्ग जो कि खड्ड में तबदील हो चुकी है उसे भी स्थानीय लोगों की सुविधा के लिए जल्द से जल्द बहाल किया जाए।

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