प्रधानमंत्री आवास योजना के नाम पर केंद्र सरकार और राज्य सरकार द्वारा गरीबों के साथ हो रही धोखाधड़ी – कुशाल भारद्वाज

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सुरभि न्यूज़ ब्युरो

जोगिन्दर नगर, 11 अक्तूबर

प्रधानमंत्री आवास योजना के नाम पर गरीबों के साथ बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी हो रही है। हिमाचल किसान सभा के राज्य उपाध्यक्ष एवं जिला परिषद सदस्य कुशाल भारद्वाज के नेतृत्व में आज खुड्डी, कथोण, भगेहड़, दलेड, गोलवां, रोपड़ी, ऐहजू, चौंतड़ा, ढेलू, मैनभरोला, टिकरी मुशैहरा, द्राहल, तलकेहड़, द्रुब्बल, पिपली, बुहला भडयाड़ा, चल्हारग, कुठेहड़ा, बल्ह, रोपा पधर, नौहली, बिहूं, भराड़ू, जलपेहड़, निचला गरोडू, गुम्मा व कस आदि पंचायतों के पीएमएवाई-जी के लगभग 80 स्वीकृत लाभार्थियों व अन्य लोगों ने किसान भवन जोगिन्दर नगर में किसान सभा के बैनर तले एक अधिवेशन आयोजित किया। इसके बाद पूरे बाजार से जलूस निकालते हुए एसडीएम कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया तथा एसडीएम के माध्यम से प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को संयुक्त ज्ञापन तथा स्वीकृत सूची से काटे गए कई आवेदकों की व्यक्तिगत प्रार्थना पत्र भी सौंपे।

इस अवसर पर कुशाल भारद्वाज ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के नाम पर केंद्र सरकार और राज्य सरकार द्वारा गरीबों के साथ धोखाधड़ी हो रही है और भाजपा और कांग्रेस के नेता इसका ठीकरा संबन्धित बीडीओ पर फोड़ रहे हैं। लोगों को गुमराह करके बीडीओ के पास भेजा जा रहा है कि उनके आदेश पर नाम काटे गए हैं। हकीकत यह है कि PMAY-G के लाभार्थियों को पंजीकृत करने बारे भारत सरकार ने जो मापदंड एवं पेरमीटर अब निर्धारित किए हैं, तथा जिसके आधार पर निदेशक ग्रामीण विकास विभाग हिमाचल प्रदेश द्वारा जो दिशा निर्देश पत्र संख्या एसएमएच -03/2024-25-पीएमएसवाई-जी आरडीपी 2060-2174 के माध्यम से उपायुक्त, जिला विकास अधिकारी (ग्रामीण विकास) तथा खंड विकास अधिकारियों को जो दिशा निर्देश जारी किए हैं उससे स्वीकृत लाभार्थियों में से अधिकांश इस योजना के लाभ से वंचित हो जाएँगे। इस में 10 मापदंड तय किए गए हैं और यह निर्देश केंद्र सरकार की तरफ से ही आए हैं। जिस पर राज्य सरकार भी खामोश रही तथा इसी निर्देश और मापदंड के आधार पर अब लाभार्थियों की कांटछांट की जा रही है।

उन्होंने कहा कि जो आवेदक पिछले 6 सालों से मकान के लिए पैसा स्वीकृत होने का इंतजार कर रहे थे लिस्ट में उनका नाम आने से उनमें खुशी की लहर दौड़ गई थी, लेकिन एक तरफ केंद्र सरकार ढिंढोरा पीट रही कि हमने 92 हज़ार गरीबों के मकान स्वीकृत कर दिये और दूसरी तरफ उन गरीबों को लिस्ट से काटने के लिए नए मापदंड भी तय कर दिये।

PMAY-G के तहत जिन लोगों ने 2018 में आवेदन किया था, वे उस वक्त निर्धारित सभी पेरमीटर को पूरा करते थे और इसी लिए उनके आवेदन स्वीकृति के लिए आगे भेजे गए थे। सभी आवेदकों को जल्दी ही मकान के लिए पैसा मिलने की उम्मीद थी, लेकिन इसके लिए पूरे 6 वर्ष का समय बीत गया। इस दौरान कई गरीबों के पुराने मकान गिर गए, किसी की दीवार ढह गई, किसी की छत गिर गई और हर समय जब मकान के ढह जाने का खतरा मंडराने लगा तो ऐसे अधिकांश लोगों ने बैंक से अथवा निजी लोगों से कर्जा ले कर अपने और अपने परिजनों को सुरक्षित रखने के लिए नए आशियाने बनाने शुरू कर दिये। कुछ मकान दो साल पहले, कुछ एक साल पहले और कुछ तो 2-3 महीने पहले ही बनकर तैयार हुए। पैसे के अभाव में अभी किसी के सिर्फ लेंटर पड़े हैं तो दीवारें नहीं लगी हैं और किसी के दीवारें लगी हैं तो अभी छत नहीं पड़ी है। ऐसे आवेदकों में कई विधवा महिलाएं भी हैं, शारीरिक रूप से अक्षम लोग भी हैं और अधिकांश परिवार बेहद गरीब हैं। उन्होंने कर्जा लेकर इस लिए मकान बनाने शुरू कर दिये कि जब PMAY-G के तहत सरकार से आर्थिक मदद मिलेगी तो वे अपना कर्जा लौटा देंगे। लेकिन सरकार ने मकान स्वीकृत करते हुए 2024 में जो फिर से जो बहिष्करण मापदंड लगा दिये हैं, उससे तो इस योजना के लाभ से अधिकांश लाभार्थी वंचित ही रहेंगे और हजारों नाम काट दिये गए हैं।

उन्होंने कहा कि कुछ परिवार ऐसे हैं जिनके बच्चे एक-दो साल पहले ही प्राइवेट नौकरी करने और परिवार का भरण पोषण करने के लिए लिए बाहर गए हैं, या फिर कर्जा लेकर होटल में या किसी के निजी मकान में घरेलू नौकरी करने विदेश गए हैं, उनको भी सूची से बाहर कर दिया गया है। ऐसी भी सूचनाएँ मिली हैं कि कुछ लोगों के राज्य से बाहर भी पक्के मकान और गाडियाँ आदि हैं, लेकिन उनके नाम लाभार्थियों की सूची में पंजीकृत किए जा रहे हैं, लेकिन असंख्य गरीबों को इस सूची से काटा जा रहा है।

प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को भेजे ज्ञापनों में मांग की गई कि 2018 के मापदण्डों के अनुरूप जो भी आवेदक इसके पात्र हैं, उन पर 2024 की स्थिति के आधार पर शर्त न थोंपी जाये तथा उनके नाम स्वीकृत सूची से न काटे जाएँ तथा सभी को स्वीकृत राशि दे दी जाये। कुशाल भारद्वाज और सभी पात्र लोगों ने मुख्यमंत्री से मांग की कि इस बारे केंद्र सरकार को पत्र लिख कर 2018 के मापदण्डों के आधार पर पैसा देने की मांग की जाये तथा प्रधान मंत्री से मांग की गई कि इस संबंध में राज्य सरकार के ग्रामीण विकास विभाग के निदेशक को नए दिशा निर्देश जारी कर सभी लाभार्थियों का पंजीकरण सुनिशित किया जाये।

जिन गरीबों के नाम सूची में अभी आए ही नहीं हैं या फिर जिनके आवेदन 2018 में पंचायतों से आगे भेजे नहीं गए हैं उनको सब पात्र लोगों को भी आवास हेतु धनराशि स्वीकृत कर शीघ्र ही अगली सूची जारी की जाये। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर पूरे प्रदेश में हर ब्लॉक में सभी लाभार्थियों और पात्र गरीबों को किसान सभा संगठित करेगी तथा उनके व्यक्तिगत और सामूहिक पत्र प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को भेजेगी। यदि मांगे नहीं मानी गई तो पूरे प्रदेश में आंदोलन किया जाएगा। आवास योजना के नाम पर हो रही धांधली और ठगबाजी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

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