छोटाभंगाल व चौहार घाटी में पर्यटन व्यवसाय व पर्वतारोहण की आपार सम्भावनाएं

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सुरभि न्यूज़

ख़ुशी राम ठाकुर, बरोट

जिला कांगड़ा की छोटाभंगाल व मंडी की चौहार घाटी में पर्यटन व्यवसाय व पर्वतारोहण की आपार सम्भावनाएं है, मगर सरकार की अनदेखी व आधारभूत ढांचे के अभाव में दोनों क्षेत्र का पर्यटन की दृष्टि से विकास नहीं हो पाया है।

दोनों क्षेत्रों से चम्बा, कुल्लू, मनाली व लाहुल स्पीति के लिए जोड़ने वाले लघु मार्गो का शदियों से आवाज़ही के लिए प्रयोग किया जाता रहा है, जिसमें राजाओं व अंग्रेजों के ज़माने के शासनकाल से ही आवाजाही के लिए भेड़ पालक, स्थानीय लोग तथा घुमन्तु इन्ह मार्गों से आते जाते थे। कुल्लू जिला की डाक जोगिन्द्र नगर से चौहार घाटी के शिल्हाबधाणी व भू – भू जोत से होकर ही जाती थी वहीँ छोटाभंगाल घाटी के थमसर जोत होकर बड़ा भंगाल घाटी, चम्बा की होली तथा भरमौर क्षेत्र के लिए लघु मार्ग विद्यमान है।

छोटाभंगाल घाटी के कोठी स्वाड़ के अन्दरली मलाह गांव व सरीनाला से होकर भी कुल्लू के लिए लघु मार्ग बने हुए हैं वहीँ छोटाभंगाल की पोलिंग पंचायत के अंतर्गत आने वाले डेहनासर से भी कुल्लू – मनाली के लिए लघु मार्ग मौजूद है। घोघरधार व झटिंगरी में पर्वतारोहण संस्थान खोलने के लिए उपयुक्त पर्यटन स्थल है जिससे बेरोजगारों को रोज़गार के अवसर मिलेंगे।

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