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सुरभि न्यूज़
प्रताप अरनोट, केलांग
जिला मुख्यालय के जिम्नेजियम में सोमवार को पारंपरिक उद्योगों के उत्थान और विकास को लेकर एक दिवसीय जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता उपमण्डलधिकारी (ना.) केलांग अकांक्षा शर्मा ने की। उन्होंने बताया कि यह कार्यशाला भारत सरकार के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय द्वारा प्रायोजित स्फूर्ति योजना के अंतर्गत आयोजित की गई, जिसका उद्देश्य पारंपरिक कारीगरों को संगठित कर उन्हें स्थायी रोजगार, प्रशिक्षण, आधुनिक उपकरण तथा विपणन सहयोग उपलब्ध कराना है। उन्होंने कहा कि जिला के स्वंय सहायता समूह कलस्टर बनाकर इस महत्वकांक्षी स्फूर्ती योजना का लाभ उठाकर जिला में निर्मित हो रहे विभिन्न हस्तशिल्प, हथकरघा एवं स्थानिय लघु उद्योग व्यवसायों के स्तर को बढ़ा सकते हैं।
कार्यशाला में तोत, मियाड़ व पटन वैली सहित जिला के विभिन्न क्षेत्रों से 130 से अधिक कारीगरों ने भाग लिया, जिनमें स्वयं सहायता समूहों की सदस्याएं, गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधि और विभिन्न हस्तशिल्प एवं लघु उद्योगों से जुड़े उद्यमी शामिल रहे। उद्योग विभाग के महाप्रबंधक सन्नी ग्रैक, प्रबंधक उद्योग राजेश शर्मा, खण्ड़ विकास अधिकारी डा. विवेक गुलेरिया, वनमण्डलाधिकारी अनिकेत मारूति वानवे विशेष रूप से उपस्थित रहे।
कार्यक्रम में परियोजना समन्वयक विवेक तिवारी ने स्फूर्ति योजना की विशेषताओं पर विस्तृत प्रैजेनटेशन के माध्यम से प्रस्तुति दी और बताया कि यह योजना पारंपरिक उद्योगों से जुड़े कारीगरों को संगठित कर उन्हें प्रशिक्षण, वित्तीय सहायता, आधुनिक डिज़ाइन और विपणन के माध्यम से सशक्त बनाने की दिशा में कार्य कर रही है जिसके सार्थक परिणाम सूक्ष्म एवं लघु उद्यमियों को मिल रहें हैं।
उन्होंने कार्यशाला में स्फूर्ति योजना के प्रमुख उद्देश्यों जैसे कि पारंपरिक कौशलों को प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए उन्हें समूहों में व्यवस्थित करना, कारीगरों को निरंतर रोजगार उपलब्ध कराना, डिज़ाइन हस्तक्षेप और पैकेजिंग के माध्यम से उत्पादों की विपणन क्षमता को बढ़ाना, प्रशिक्षण एवं एक्सपोज़र दौरों द्वारा कौशल और क्षमताओं में सुधार लाना, सामान्य सुविधाओं, उन्नत उपकरणों और तकनीकों का प्रावधान करना, बहु-उत्पाद क्लस्टरों का विकास, क्लस्टर शासन में हितधारकों की भागीदारी सुनिश्चित करना, आपूर्ति आधारित मॉडल से बाजार आधारित मॉडल की ओर तथा ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म को प्रमुख विपणन चैनल के रूप में उपयोग करने पर चर्चा की गई।
कार्यशाला में उपस्थित सभी प्रतिभागियों ने योजना से संबंधित उपयोगी जानकारी प्राप्त की और अपने विचार एवं सुझाव साझा किए। अधिकारियों ने आश्वस्त किया कि जिला में पारंपरिक कारीगरों की आजीविका को सशक्त बनाने और उनके उत्पादों को बाजार से जोड़ने के लिए स्फूर्ति योजना के माध्यम से ठोस प्रयास जारी रहेंगे।
जिलाधीश लाहौल स्पीति किरण भड़ाना ने स्फूर्ती की टीम का जनजातीय जिला में इस योजना की विस्तृत जानकारी प्रदान करने व कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए बधाई दी।
इस अवसर पर वनमण्डलधिकारी लाहौल अनिकेत वानवे ने भी अपने विचार रखें तथा उपस्थित प्रतिभागियों को इस योजना से जुड़ने के लिए प्रेरित किया। महाप्रबंधक उद्योग सन्नी ग्रैक ने कार्यक्रम के अंत में सभी का धन्यवाद किया। इस अवसर पर वरिष्ठ परियोजना समन्वयक डा. वाशिल फिलिप, डा. गौरवदीप सिंह राज्य समन्वयक स्फूर्ती योजना, प्रबंधक स्फूर्ती ओमकार विधाते विशेष रूप से उपस्थित रहे।